प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में की थी तीन वैक्सीन की चर्चा, जानें उनके बारे में

74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना की वैक्सीन को भी शामिल किया था और बताया था कि देश में तीन वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है। मोदी द्वारा कहा गया था कि हमारे वैज्ञानिक ऋषि-मुनियों की तरह जुटे हुए हैं और कड़ी मेहनत कर रहे हैं। आज हम आपको देश के विभिन्न चरणों में जारी कोरोना की इन तीनों वैक्सीन से जुड़ी जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।

कोवैक्सीन (Covaxin)

इस वैक्सीन को आईसीएमआर के सहयोग से भारत बायोटेक कंपनी विकसित कर रही है। बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल पूरा हो गया है और अब दूसरे चरण के ट्रायल की तैयारी चल रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कुल 12 केंद्रों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, जिसमें से 11 केंद्रों पर पहले चरण का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है। अबतक पहले चरण के ट्रायल के निष्कर्ष सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह जल्द प्रकाशित होगा। माना जा रहा है कि दूसरे चरण का ट्रायल सितंबर में हो सकता है, जिसके लिए वॉलंटियर्स (स्वयंसेवकों) की पहचान की जा रही है।

जायकोव-डी (ZyCoV-D)

अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन का दूसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने बताया था कि पहले चरण में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई। जिन्हें यह वैक्सीन दी गई, सात दिनों तक डॉक्टरों की टीम द्वारा उनकी निगरानी की गई थी। वॉलेंटियर्स में कोई भी साइडइफेक्ट देखने को नहीं मिला था। विशेषज्ञों ने वैक्सीन को सुरक्षित बताया है।

कोविशील्ड (AZD 1222)

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई इस वैक्सीन का उत्पादन भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। भारत में फिलहाल इसका दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। कंपनी भारत में इसे कोविशील्ड नाम से लॉन्च करने जा रही है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी(Gavi) के साथ बड़ी साझेदारी के तहत भारत और निम्न आय वाले देशों के लिए वैक्सीन की 100 मिलियन यानी 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। खबरों के मुताबिक नवंबर-दिसंबर तक वैक्सीन आने की संभावना है।