विश्व में मुख्य स्वास्थ्य मुद्दों की ओर लोगों का ध्यान दिलाने के हर साल 7 अप्रैल का दिन विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। वर्तमान में कोरोना एक वैश्विक बीमारी बनकर उभरा हैं जिसके चलते लॉकडाउन किया गया हैं। एल्किन इस लॉकडाउन की वजह से देश में रक्तदान शिविरों पर रोक लगी हैं और ब्लड डोनेट करने में कमी आई हैं। ऐसे में अस्पताल, ब्लड बैंक और विभिन्न संगठनों को रक्तदाताओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के कारण मांग और आपूर्ति के बीच फासला और भी ज्यादा बढ़ गया है। आज हम आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करने जा रहे हैं कि किस तरह खून की कमी की वजह से परेशानी बढ़ रही है।
दिल्ली-एनसीआर में हर वर्ष करीब 40 हजार यूनिट तक रक्तदान होता है। वहीं देश में करीब 80 से 90 लाख यूनिट रक्तदान में मिलता है। देश में करीब एक लाख थैलेसीमिया मरीज ऐसे हैं जिन्हें महीने में दो से चार यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है। वहीं दिल्ली के अस्पतालों में भी करीब 70 फीसदी तक रक्तदान में कमी आई है। सफदरजंग अस्पताल के अनुसार उनके यहां प्रतिदिन 180 यूनिट तक रक्तदान होता था जोकि अब महज 50 यूनिट हो पा रहा है। हालांकि यहां करीब ढाई हजार यूनिट रक्त भंडारण में है। आरएमएल अस्पताल में अभी रक्तदान नहीं हो रहा है। वहीं एम्स में करीब 100 यूनिट प्रतिदिन ही रक्त एकत्रित हो पा रहा है।
इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी की ब्लड बैंक निदेशक डॉ। वानश्री सिंह ने बताया कि रक्तदान शिविर आयोजित नहीं होने के कारण दिक्कतें हो रही हैं लेकिन फिलहाल सबसे ज्यादा चुनौती थैलेसीमिया मरीजों को लेकर है। इन्हें ताजा रक्त देना आवश्यक होता है। इसीलिए सभी रोगियों से अपने साथ दाता लाने की अपील की जा रही है। इनका कार्ड देखने के बाद पुलिस भी इन्हें नहीं रोकेगी। रेडक्रॉस आने जाने के लिए इन्हें वाहन तक उपलब्ध कराया जा रहा है। ब्लड बैंक में पहले से रक्त एकत्रित है। जिन्हें वे एम्स और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज जैसे अस्पतालों को उपलब्ध करा रही हैं। प्रतिदिन उनके यहां 20 से 30 यूनिट रक्त एकत्रित भी हो रहा है लेकिन थैलेसीमिया मरीजों के लिए दिक्कतें हैं। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
देश में करीब 3300 ब्लड बैंक हैं जिनमें से 1100 राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सोसाइटी (नाको) के अधीन हैं। नाको के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ। सुनील गुप्ता का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते लोग काफी पैनिक हो चुके हैं। इसलिए रक्तदान के बारे में फिलहाल कोई सोच ही नहीं रहा है। फिर भी सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए रक्तदान से जुड़े स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं। लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे अपने नजदीकी ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान करें। उनका कहना है कि रक्त की कमी को लेकर अभी तक जानकारी नहीं मिली है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और राजस्थान में सबसे ज्यादा रक्त आपूर्ति को लेकर दिक्कतें हो रही हैं। यहां के थैलेसीमिया मरीजों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार जल्द ही इन राज्यों में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दिशा निर्देश जारी करेगी।