इन लोगों को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाता हैं पपीता, जानें और रखें ध्यान

शरीर को सेहतमंद बनाए रखने के लिए अच्छा और संतुलित आहार लेना जरूरी होता हैं। ऐसे में कई फ्रूट्स को डाइट में शामिल किया जाता हैं जिनमें से एक हैं पपीता जो कि फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता हैं और कई परेशानियों से निजात दिलाने का काम करता हैं। पपीते का नियमित रूप से किया गया सेवन शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचाता हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए पपीता फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने का काम करता हैं। जी हां, कुछ स्थितियों में पपीते के सेवन के दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं हालातों के बारे में बताने जा रहे हैं जब पपीते का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

गर्भावस्था में नहीं खाना चाहिए पपीता

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि बच्चे के विकास और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी होता है, हालांकि गर्भावस्था में पपीता खाने से बचना चाहिए। इस फल में लेटेक्स होता है जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है, जिसके कारण समय से पहले बच्चे के जन्म की स्थिति आ सकती है। गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह पर ही चीजों का सेवन करना चाहिए।

पीलिया होने पर

पीलिया की दिक्कत से जूझ रहे लोगों को पपीता खाने से बचना चाहिए। पपीते में पपैन और बीटा कैरोटीन नाम के तत्व पीलिया की दिक्कत को बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे लोगों के लिए पपीते का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना बेहतर होगा।

गाढ़े खून की दिक्कत में

कई लोग ऐसे होते हैं जिनका खून नॉर्मल से ज्यादा गाढ़ा होता है। ऐसे लोगों को डॉक्टर खून पतला करने के लिए दवाएं देते हैं। जो लोग खून को पतला करने वाली दवाओं का सेवन करते हैं। उनको पपीते के सेवन से बचना चाहिए या फिर उनको डॉक्टर की सलाह पर ही पपीता खाना चाहिए।

लो ब्लड शुगर के शिकार लोग

पपीता मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बेहतर फल माना जाता है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है। हालांकि जिन लोगों का ब्लड शुगर पहले से ही कम रहता है, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए। पपीते में एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक या ग्लूकोज कम करने वाले गुण होते हैं जिससे ब्लड शुगर का स्तर बहुत अधिक कम हो सकता है, जो गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।

श्वसन संबंधी विकार वाले लोग

पपीते में मौजूद एंजाइम पैपैन को एलर्जेन कहते हैं। इसके ज्यादा सेवन से अस्थमा और घरघराहट जैसी श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। इन स्वास्थ्य स्थिति को रोकने के लिए अधिक मात्रा में पपीते के सेवन से बचना चाहिए। यदि आपको कोई बीमारी है, तो डॉक्टर से परामर्श के बाद ही यह फल खाएं। वही आपको बताएंगे कि फल की कितनी मात्रा आपके लिए अच्छी है।

धड़कन में अनियमितता वाले लोग

पपीता खाने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है, लेकिन अगर आप पहले से ही अनियमित दिल की धड़कन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में पपीते के सेवन से बचना चाहिए। एक अध्ययन से पता चलता है कि पपीते में साइनोजेनिक ग्लाइकोसाइड पाई जाती है जो कि एक एमिनो एसिड है। यह मानव पाचन तंत्र में हाइड्रोजन साइनाइड का उत्पादन कर सकती है। ऐसी स्थिति दिल की धड़कन में अनियमितता से परेशान लोगों के लिए गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।

एलर्जी वाले लोग

जिन लोगों को लेटेक्स से एलर्जी हो उन्हें पपीता खाने से परहेज करना चाहिए। पपीते में चिटिनासेस नामक एंजाइम होता है, जोकि लेटेक्स और उनमें शामिल भोजन के बीच एक क्रॉस-रिएक्शन का कारण बन सकता है, जिससे छींकने, सांस लेने में कठिनाई, खाँसी और आंखों से पानी आने की समस्या हो सकती है।