ब्रिटेन की सरकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस से अधिक वजन वाले लोगों की मौत का खतरा हेल्दी लोगों की तुलना में तीन गुना ज्यादा बना रहता है। इतना ही नहीं ओवरवेट लोगों को कोरोना की वजह से बीमार पड़ने पर वेंटिलेटर की जरूरत भी 7 गुना तक अधिक होती है। बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर होने पर समझा जाता है कि व्यक्ति का वजन अधिक है। ऐसे लोगों के लिए भी वेंटिलेटर की जरूरत बढ़ सकती है। बॉडी मास इंडेक्स 30 से 35 होने पर कोरोना से मौत का खतरा 40% बढ़ जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर रहने पर कोरोना से गंभीर बीमार पड़ने का खतरा दोगुना हो जाता है और मौत का खतरा 3 गुना बढ़ जाता है। वेंटिलेटर की जरूरत पड़ने की संभावना सात गुना तक बढ़ सकती है।
हालांकि, अधिक वजन की वजह से कोराना से संक्रमित होने का खतरा नहीं बढ़ता। ओवरवेट लोगों के संदर्भ में डॉक्टरों का कहना है कि व्यक्ति अपना वजन जितना किलो कम कर लेगा, कोरोना से खतरा उतना कम हो जाएगा। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक फैट होने से रेस्पिरेटरी सिस्टम प्रभावित होता है और इससे शरीर का इम्यून सिस्टम पर असर पड़ सकता है।
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए लोगों को अपना वजन घटाना चाहिए। कुछ रिपोर्ट में पता चला है कि लॉकडाउन की वजह से लोग स्नैक्स का अधिक सेवन कर रहे है और एक्सरसाइज कम कर रहे हैं। ब्रिटेन में दो तिहाई लोगों का वजन अधिक है। ब्रिटेन में अब तक कोरोना से 45 हजार 700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इसके पीछे मोटापा एक कारण भी हो सकता है।
बता दें कि दुनिया में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 1 करोड़ 59 लाख 40 हजार 379 हो चुकी है। 6 लाख 42 हजार 688 लोगों की मौत अब तक इस वायरस की वजह से हो चुकी है।