गर्मियों का मौसम जारी हैं और मॉनसून दस्तक दे चुका हैं। ऐसे में कभीकभार उमस महसूस होने लगती हैं। इससे गर्मी बढ़ने लगती हैं और रात को नींद आने में दिक्कत होती हैं। कई लोग हैं जिन्हें चाहते हुए भी रात को समय पर नींद नहीं आ पाती हैं। कई लोग घंटों तक रात को बिस्तर पर यूं ही आंखें बंद कर लेते रहते हैं लेकिन उन्हें नींद नहीं आती हैं। ऐसे में आप एक अजीब और अनोखे तरीके की मदद ले सकते है। ये तरीका है चादर से एक पैर बाहर निकालकर सोना। दरअसल रात को अच्छी नींद के लिए आदर्श तापमान लगभग 60-67° F होता है और हमारे पैर ही हमें अच्छी स्थिति में लाने में मदद करते हैं।
क्यों होता है पैर निकालकर सोना इतना आसान?
बेहतर तरीके से नींद लाने के लिए हमारे शरीर के तापमान को 1 से 2 डिग्री तक कम होने की आवश्यकता होती है और इसलिए हम गर्मी होने पर पर सोने के लिए संघर्ष करते हैं। इसलिए शरीर को ठंडा करना बहुत ही महत्वपूर्ण है, और कंबल से एक पैर बाहर निकालना इसका एक सरल उपाय है। जो लोग नहीं समझे उन्हें बता दें कि हमारे पैरों में विशेष संवहनी संरचनाएं होती हैं, जो पैरों को शरीर की गर्मी निकालने के लिए एक निकास बिंदु बनाती हैं। इसके अलावा, हमारे पैर बाल रहित होते हैं, इसलिए वे रात भर शांत रहते हैं और तापमान का भी एक सही संतुलन होता है।
क्या कहते हैं इस बारे में एक्सपर्ट
नेशनल स्लीप फाउंडेशन के प्रवक्ता और अलबामा विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर नताली दाउतोविच के अनुसार, हमारे पैर शरीर के तापमान को नीचे लाने के लिए बिल्कुल सही उपकरण हैं क्योंकि ये बाल रहित होते हैं और इनमें मौजूद संवहनी ऐसी संरचनाएं होती हैं, जो गर्मी को बाहर निकालने में मदद करती हैं । उन्होंने कहा कि अगर आपके पैर की उंगुली, या फिर आप अपना पैर चादर से बाहर निकाल लेते हैं तो आपको अधिक आराम से नींद आ सकती है।
सर्दियों में जुराब पहनकर इसलिए आती है नींद
यही कारण है हम सर्दियों में खुद को गर्म रखने के लिए जुराब पहनते हैं, जिसके कारण हमें सर्दियों के दौरान सोने में मदद मिलती है। अब, आप जानते हैं कि क्यों हम सर्दियों के दौरान लंबे समय तक सोते हैं क्योंकि दिन छोटे और ठंडे होते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार, जब अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति एक प्रकार की कूलिंग कैप पहनते हैं तो उन्हें उन्हें स्वस्थ लोगों की ही तरह अच्छी नींद आती है। स्विट्जरलैंड स्थित सेंटर फॉर क्रोनोबायोलॉजी का कहना है कि जब आपके शरीर का तापमान कम हो जाता है तो हमारे नींद के समय की प्रणाली सक्रिय हो जाती है। कई शोध से पता चला है कि हमें सुबह 5 बजे के आसपास सबसे ठंडा तापमान मिलता है, इसलिए इस समय उठना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है।