Yoga Day Special: मानसिक रोग से मुक्ति दिलाता है मूर्छा प्राणायाम, जानें इसकी विधि और फायदे

योग और प्राणायाम हमारे जीवन में संजीवनी बूटी बनकर आया हैं। हांलाकि भारत में योग कई सालों से हैं लेकिन अब इसकी महत्ता सभी को समझने आने लगी हैं। जी हाँ, जो रोग दवाइयों से दूर नहीं हो सकता वह योग और प्राणायाम द्वारा दूर किया जा सकता हैं। प्राणायाम का स्वस्थ व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ा योगदान हैं। योग और प्राणायाम की इसी महत्ता और योगदान को देखते हुए हर साल 21 जून का दिन पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाता हैं। इसी कड़ी में आज हम आपके लिए मूर्छा प्राणायाम की विधि और इसके फायदों की जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

मूर्छा प्राणायाम करने की विधि

सबसे पहले किसी आरामदायक आसन में बैठ जाएं जैसे पद्मासन या सिद्धासन। सिर और कमर को सीधा रखें। पूरे शरीर को आराम दें। धीरे-धीरे सांस लेते रहें। अब सिर को थोड़ा पीछे की ओर झुकाते हुए उज्जायी प्राणायाम के साथ दोनों नासिकाछिद्रों से धीरे-धीरे श्वास लें। आंखों को खोले रखें। घुटनों को हाथों से दबाते हुए कोहनियों को तानकर हाथों को सीधा रखें। जितना संभव हो सांस को अंदर रोके रखें। हाथों को ढीला करते हुए सांस छोड़ें। आंखों को बंद कर लें और धीरे-धीरे सिर को फिर से सीधा करें। आंखों को बंद रखते हुए पूरे शरीर को कुछ देर के लिए आराम दें। शरीर और मन में हल्केपन और शांति का अनुभव करें।

मूर्छा प्राणायाम करने के फायदे

- यह प्रणायाम शरीर को शांत करता है।
- इससे मानसिक ऊर्जा बढ़ती है।
- इस प्रणायाम को करने से मस्तिष्क और शरीर उत्साह से भरपूर हो जाते हैं।
- यह तनाव, चिंता, क्रोध और मानसिक रोग से मुक्ति दिलाता है।