पिता बनने की है ये सही उम्र, इसके बाद डैमेज होने लगते हैं स्पर्म

बच्चे पैदा करने के लिए महिलाओं की उम्र पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। लेकिन आपको बता दे, बच्चे पैदा करने के लिए जितनी महिलाओं की उम्र मायने रखती है उतनी ही जरूरी पुरुषों की उम्र भी होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि पेरेंट्स बनने में पुरुषों की उम्र काफी महत्वपूर्ण होती है। पुरुषों की उम्र बढ़ने के साथ ही पुरुषों में स्पर्म काउंट और इसकी क्वॉलिटी भी गिरने लगती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 20 से लेकर 30 साल तक की उम्र पुरुषों के लिए पिता बंनने के लिए सही हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुरुषों में स्पर्म का प्रोडक्शन कभी रुकता नहीं है लेकिन उम्र बढ़ने के साथ स्पर्म का डीएनए डैमेज होने की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 40 वर्ष से ज्यादा उम्र होने पर पुरुषों में पिता बनने की संभावनाएं कम होने लगती हैं।

हालाकि, कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि जब पुरुष ज्यादा उम्र में पिता बनते हैं तो इससे बच्चों में तंत्रिका विकास संबंधी विकार देखने को मिल सकते हैं। कुछ साल पहले हुए एक अध्ययन में सामने आया था कि जो पुरुष 40 साल की उम्र के बाद पिता बने उनके बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम के डेवलप होने का खतरा 5 गुना था।

35 की उम्र के बाद स्पर्म का प्रोडक्शन हो जाता है बंद

WHO ने हेल्दी स्पर्म के कुछ मानदंड तय किए हैं। इसमें स्पर्म काउंट, शेप, और मूवमेंट शामिल हैं। 22 से लेकर 25 साल के बीच पुरुष सबसे ज्यादा फर्टाइल होते हैं। ऐसे में उन्हें 35 साल की उम्र से पहले बच्चे पैदा कर लेने की सलाह दी जाती है। 35 साल की उम्र के आसपास पहुंचते ही पुरुषों में यह स्पर्म पैरामीटर खराब होने लगता है। अगर आप 45 साल की उम्र के बाद बच्चे पैदा करने की सोच रहे हैं तो पहले डॉक्टर से संपर्क कर लें।

स्पर्म क्वालिटी बढ़ाने के लिए क्या खाएं?

अनार


तुर्की में की गई रिसर्च के मुताबिक अनार का जूस स्पर्म काउंट और क्वालिटी बढ़ाता है। रोज एक गिलास अनार का जूस पीने से पुरुष फर्टिलिटी में बढ़ोत्तरी होती है।

कद्दू के बीज

इसमें मौजूद जिंक और ओमेगा 3 फैटी एसिड मेल ऑर्गन्स में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं। रोज एक मुट्ठी कद्दू के बीज खाने से टेस्टोस्टेरोन और स्पर्म काउंट बढ़ता है।

टमाटर

इसमें मौजूद लाइकोपिन स्पर्म काउंट, क्वालिटी और स्ट्रक्चर को बेहतर करता है। टमाटर को ऑलिव ऑयल में पकाकर खाने से काफी फायदा होता है।

अखरोट

अखरोट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड्स मेल ऑर्गन्स में ब्लड फ्लो बढ़ाने में हेल्पफुल है। रोज एक मुट्ठी (75 ग्राम) अखरोट खाने से स्पर्म की संख्या और आकार बेहतर होता है।

डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट में मौजूद एल-अरजिनाइन नामक एमिनो एसिड स्पर्म का वॉल्यूम और क्वालिटी बढ़ाता है। चॉकलेट जितनी डार्क होगी स्पर्म काउंट बढ़ाने में उतनी ही फायदेमंद होगी।

अंडे

प्रोटीन और विटामिन E से भरपूर अंडे हेल्दी और स्ट्रॉंग स्पर्म के प्रोडक्शन में हेल्पफुल हैं। रोज नाश्ते में 2 अंडे खाने से नुकसानदायक फ्री रेडिकल्स से बचाव होता है।

केले

केले में मौजूद ब्रोमिलेन नामक एंजाइम और विटामिन B स्टेमिना, एनर्जी और स्पर्म काउंट बढ़ाते हैं। रोज सुबह-शाम एक केला खाने से ताकत मिलती है।

लहसुन

लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक कम्पाउंड मेल ऑर्गन में ब्लड फ्लो बढ़ाता है। रोज सुबह लहसुन की 3-4 कलियां चबाकर खाने से सीमेन वॉल्यूम बढ़ता है।

गाजर

गाजर में मौजूद विटामिन A स्पर्म का प्रोडक्शन बढ़ाने में हेल्पफुल है। रोज सलाद में गाजर खाने या गाजर का जूस पीने से फर्टिलिटी बढ़ती है।

पालक

पालक में काफी मात्रा में फॉलिक एसिड होता है। ये स्पर्म की क्वालिटी और शेप बेहतर बनाने में मदद करता है। रोज खाने में पालक लेने और उसका जूस पीने से फर्टिलिटी बढ़ती है।