पुरुषों में भी बढ़ रहा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जानिए इसके कारण, शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीके

अमेरिका से आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने मेडिकल जगत में चिंता बढ़ा दी है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (ग्राउंड जीरो) के आसपास रहने और काम करने वाले पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अब तक 91 पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि की है। यह आंकड़ा 2018 की तुलना में छह गुना अधिक और अमेरिकी राष्ट्रीय औसत से 90 गुना ज्यादा है। यह रिपोर्ट वर्ष 2024 तक की स्थिति को दर्शाती है।

क्यों है यह मामला चिंताजनक?


मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होना बेहद दुर्लभ (रेयर) माना जाता है। सामान्यत: हर एक लाख पुरुषों में केवल एक व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित होता है। लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ते मामलों ने यह साबित कर दिया है कि अब यह खतरा केवल महिलाओं तक सीमित नहीं रहा। आइए जानते हैं कि आखिर पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर कैसे विकसित होता है।

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर कैसे होता है?

डॉक्टरों के अनुसार, हर इंसान के शरीर में जन्म से ही थोड़ी मात्रा में ब्रेस्ट टिश्यू मौजूद रहती है — चाहे वह पुरुष हो या महिला। जब इन टिश्यू की सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, तब कैंसर का खतरा उत्पन्न होता है। मायो क्लिनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर छाती के ऊपरी हिस्से के टिश्यू की सेल्स में होने वाले म्यूटेशन से शुरू होता है। धीरे-धीरे ये सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और समय के साथ लंप (गांठ) या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।

किन पुरुषों में ज्यादा खतरा रहता है?

विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी प्राय: 60 से 70 वर्ष की आयु के पुरुषों में अधिक पाई जाती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है। CDC और मायो क्लिनिक के अनुसार, कुछ प्रमुख जोखिम कारक हैं:

- बढ़ती उम्र

- हार्मोनल असंतुलन या एस्ट्रोजन थेरेपी

- परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास

- क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (एक्स क्रोमोसोम की अतिरिक्त कॉपी होना)

- लिवर की बीमारियां जैसे सिरोसिस

- मोटापा, जिससे शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है

- टेस्टिकल संबंधी बीमारियां या सर्जरी

इन सभी कारणों से शरीर के हार्मोनल संतुलन में गड़बड़ी होती है, जो कैंसर के विकास का कारण बन सकती है।

शुरुआती लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

डॉक्टरों का मानना है कि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण अक्सर बहुत हल्के होते हैं, जिस कारण लोग उन्हें अनदेखा कर देते हैं।
इन लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है:

- छाती पर बिना दर्द वाली गांठ या सूजन

- त्वचा पर सिकुड़न, लालपन या रंग बदलना

- निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना या आकार बदलना

- निप्पल से तरल या खून का रिसाव

- बगल या कॉलरबोन के आसपास सूजन

अगर इनमें से कोई भी संकेत लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए, क्योंकि शुरुआती स्टेज पर पहचान से इलाज काफी आसान हो सकता है।

कैसे करें बचाव?


हालांकि ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ कदम उठाकर जोखिम कम किया जा सकता है:

- अगर परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है, तो जेनेटिक टेस्टिंग करवाएं।

- वजन को नियंत्रित रखें और अल्कोहल का सेवन सीमित करें।

- नियमित रूप से सेल्फ एक्जामिनेशन करें और किसी भी असामान्य परिवर्तन पर डॉक्टर से संपर्क करें।

- संतुलित आहार लें और हार्मोनल दवाओं का उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह से करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।