इन 5 बीमारियों का समय रहते करा लें स्क्रीनिंग टेस्ट, कहीं देर ना हो जाए

वर्तमान समय की अव्यवस्थित जीवनशैली और खानपान के चलते आज के समय में लोग कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। सही समय पर बीमारियों का पता ना चलने पर इलाज में काफी देर हो जाती है और अफ़सोस करने के अलावा आप कुछ नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसी बीमारियों की जानकारी लेकर आए हैं जिनकी समय रहते स्क्रीनिंग टेस्ट करवा लेना उचित रहता हैं ताकि आप गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले संभल सकें।

हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure Or Hypertension)

उम्र के साथ हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। इसका संबंध वजन और लाइफ स्टाइल से भी है। हाई ब्लड प्रेशर का इलाज किया जा सकता है। अगर इसका पहले से ही पता लग जाए तो हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी फेलियर जैसी बीमारियों से बच सकते हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 से कम होता है। हाई ब्लड प्रेशर 130/80 या उससे अधिक होता है। कितनी बार ब्लड प्रेशर की जांच की जानी चाहिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका प्रेशर कितना है। सामान्य होने तक चेक करते रहें।

प्रोस्टेट कैंसर

प्रोटेस्ट कैंसर अमेरिकी पुरुषों में पाए जाने वाला आम कैंसर है। ये कैंसर धीमी गति से बढ़ता है। स्क्रीनिंग टेस्ट से इस बीमारी का पता पहले ही लगाया जा सकता है। लक्षण दिखने से पहले ही अगर उपचार करवाया जाए तो इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। पुरुषों के लिए इस टेस्ट में एक डिजिटल रेक्टल एग्जाम (digital rectal exam - DRE) और एक प्रोस्टेट-विशिष्ट प्रतिजन (prostate specific antigen - PSA) ब्लड टेस्ट शामिल होता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी हर किसी को पीएसए टेस्ट के रिस्क और लाभ के बारे में डॉक्टर से जानकारी लेने की सलाह देती है।

टेस्टिकुलर कैंसर

यह एक असामान्य कैंसर है जो आदमी के टेस्टिकल्स, प्रजनन ग्रंथियों (reproductive glands) में विकसित होता है। स्पर्म का उत्पादन इन्हीं ग्रंथियों के कारण होता है। ये कैंसर ज्यादातर 20 से 54 साल तक की उम्र के लोगों के बीच होता है। इसके लिए कुछ डॉक्टर्स नियमित सेल्फ-एग्जाम करने की सलाह देते हैं। ये कैंसर उन पुरुषों को ज्यादा रहता है, जिनके परिवार में किसी को ये कैंसर पहले भी हुआ हो।

कोलोरेक्टल कैंसर

कोलोरेक्टल कैंसर में मृत्यु होने की संभावना ज्यादा रहती है। पुरुषों में अगर ये कैंसर हो जाए तो उन्हें महिलाओं की तुलना में ज्यादा खतरा रहता है। कोलन कैंसर के बहुमत (Majority) धीरे-धीरे कोलन के जंतुओं से विकसित होते हैं। बता दें ये कोलन की आंतरिक सतह पर विकसित होते हैं। कैंसर विकसित होने के बाद, यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाते हैं। कोलन कैंसर को रोकने का तरीका है कि वे इसे फैलने से पहले पॉलीप्स यानि जंतुओं को शरीर से बाहर निकाल दें। पॉलीप्स और कोलोरेक्टल कैंसर का पता लगाने के लिए एक कोलोनोस्कोपी टेस्ट होता है। डॉक्टर लचीली ट्यूब और कैमरे का उपयोग करके पूरे कोलन को देखते हैं। टेस्ट के समय पॉलीप्स को हटाया जा सकता है।

त्वचा का कैंसर

त्वचा कैंसर का सबसे खतरनाक रूप मेलेनोमा है। यह मेलानोसाइट्स (melanocytes) नामक विशेष कोशिकाओं में शुरू होता है। बता दें कि इन्हीं कोशिकाओं से त्वचा में निखार और रंग आता है। पुरुषों में नॉन-मेलेनोमा बेसल सेल (Basal Cell) और स्क्वैमस सेल (Squamous cell) त्वचा के कैंसर होने की संभावना महिलाओं की तुलना में 2-3 गुना अधिक होती है।