स्वस्थ जीवन जीने के लिए लिवर का स्वस्थ रहना बेहद जरुरी है। दरअसल, यह शरीर में एक ऐसा अंग है, जिसका काम डिटॉक्सिफिकेशन से लेकर पोषक तत्वों का भंडारण और रक्त को छानना है। एक्सपर्ट का कहना है कि लिवर शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए 500 तरह के काम करता है। यह बहुत सारे रासायनिक प्रदार्थों का उत्पादन करता है जो अन्य अंगों के कार्यशीलता के लिए अनिवार्य हैं। यह रक्त की रचना को भी निर्धारित करता है और रक्त से विषाक्त पदार्थों का निकास कर उसे स्वस्थ बनाता है। यह और भी कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देता है। अगर लिवर खराब हो गया, तो आपका शरीर कमजोर हो सकता है और आपको मुंह से बदबू आना, उल्टी होना, भूख नहीं लगना, त्वचा का ख़राब होना, हमेशा थकान महसूस होना, गहरे रंग का मल, दस्त या पीलिया होना, आँखों में पीलापन, मुंह के स्वाद में कड़वापन आना, पेट में पानी भर जाना या खुजली होना जैसे लीवर खराब होने के लक्षण महसूस हो सकते हैं। शराब लीवर की सबसे बड़ी दुश्मन हैं लेकिन रोजाना पिए जाने वाले कुछ पेय पदार्थ भी लिवर को धीरे-धीरे डैमेज कर सकते हैं।
सोडा और कोल्ड ड्रिंक्सकोल्ड ड्रिंक या सोडा का अत्यधिक सेवन शारीरिक समस्याओं को कई गुना बढ़ा सकता है। कोल्ड ड्रिंक्स में अधिक मात्रा में चीनी होती है। चीनी का अधिक सेवन से लीवर में फैट जमा होने लगता है। फैटी लीवर की स्थिति में लीवर सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है।
एनर्जी ड्रिंकएनर्जी ड्रिंक्स आपको भरपूर ऊर्जा देने का वादा तो करते है लेकिन इनका सेवन लीवर को नुकसान पहुंचाता है। एनर्जी ड्रिंक में कैफीन की मात्रा अधिक होती है साथी ही इसमें चीनी की मात्रा भी अधिक होती है। ऐसे में कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन लीवर को नुकसान पहुंचाता हैं। आपको बता दे, 100 मिलीलीटर एनर्जी ड्रिंक में 32 मिली ग्राम कैफीन होती है साथ ही इसमें लगभग 13 चम्मच चीनी होती है जो शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ा देती जिससे कई प्रकार की गंभीर समस्याएं होने का खतरा रहता है।
मलाई वाला दूध पीनाजर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, बहुत अधिक संतृप्त वसा का सेवन आपके लीवर को कोई फायदा नहीं कर रहा है। संतृप्त वसा का अधिक सेवन आपके लीवर में वसा जमा होने को बढ़ावा देता है। एक कप पूरे दूध में 4।5 ग्राम संतृप्त वसा होता है, जो एक वयस्क की दैनिक जरूरतों का लगभग 20% है।
बियर और वाइनबियर और वाइन पीने से भी आपके लीवर पर असर पड़ता है क्योंकि यह चीजें ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को बढ़ाती है। यह खून में एक प्रकार का फैट होता है। इनमें कैलोरी ज्यादा होती है। शरीर में मौजूद कोई भी कैलोरी जिसे आप ऊर्जा के लिए तुरंत उपयोग नहीं करते हैं, ट्राइग्लिसराइड्स में परिवर्तित हो जाती है। लीवर में ट्राइग्लिसराइड्स जमा होने से लीवर के रोग का कारण बन सकता है।
ज्यादा शराब पीनावैसे तो लीवर में शराब को तोड़ने की क्षमता होती है लेकिन अगर आप इस अंग के मुकाबले ज्यादा शराब पी रहे हैं, तो यह धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है। इससे लीवर में फैट जमा हो सकता है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शराब हर तरह से शरीर के लिए नुकसानदायक है।
आइए लीवर की देखभाल के लिए आवश्यक खद्यपदार्थों पर एक नजर डालें।
नारियल पानीनारियल पानी का सेवन लिवर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। नारियल पानी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो लिवर में कई तरह के विषाक्त पदार्थों की गतिविधि को कम करते हैं। इसका सेवन करना लिवर के लिए काफी लाभकारी होता है। दिन में 2 या 3 नारियल का पानी पीना चाहिए।
हल्दीहल्दी एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। इससे लिवर का स्वास्थ्य सुधरता है। हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। हल्दी को इस्तेमाल करने का सबसे आसान और अच्छा उपाय है कि इसे खाना बनाते वक्त मसालों के साथ मिलाकर खाएं या दूध में चुटकीभर हल्दी मिलाकर रोज पिएं। इससे आप लिवर संबंधी रोगों से बचे रहेंगे।
सेब का सिरकासेब का सिरका न सिर्फ हमारे फूड आइटम्स में इस्तेमाल की जाने वाली जरूरी किचन सामग्री है बल्कि इसके प्रयोग से कई बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। सेब का सिरका लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
आंवलाविटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी पौषक तत्व मौजूद हैं। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आप दिन में 1-2 कच्चे आंवले का सेवन करना चाहिए ।
मुलेठीलीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसके इस्तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर छान लें।
अलसी के बीजफीटकोंस्टीटूएंट्स की उपस्थिति के कारण, अलसी के बीज हार्मोंन को ब्लड में घूमने से रोकता है और लीवर के तनाव को कम करता है। अलसी के बीज को पीसकर इस्तेमाल करने से लिवर के रोगों को दूर रखने में मदद करता है।
एवोकैडो और अखरोटएवोकैडो और अखरोट में मौजूद ग्लुटथायन, लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है।
पपीतापपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं।
सिंहपर्णीसिंहपर्णी जड़ की चाय लीवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है। अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं। आप चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं।