तिल के बीज बेहद छोटे होते हैं। यह सेसम जीन के एक पौधे से पैदा होते हैं। तिल के बीजों की खेती लगभग 3500 साल पहले से की जा रही है। इनकी अधिकतर पैदावार भारत और अफ्रीका में होती है। तिल अलग-अलग रंग और प्रकार के होते हैं। तिल के बीजों की लंबाई 3-4 मिलीमीटर और चौड़ाई 2 मिलीमीटर होती है। इनका उपयोग बहुत से व्यंजनों में किया जाता है। इसके अलावा तिल के तेल का उपयोग बहुत सी समस्याओं का अंत कर सकता है। भारत में तिल का उपयोग सबसे ज्यादा तिल के लड्डू बनाने के लिए किया जाता है।
तिल के फायदे
स्किन के लिए
आज के वक्त में बेकार के
खान-पान और प्रदूषण का असर स्किन को बुरी तरह नुकसान पहुँचाता है। ऐसे में
स्किन को लेकर तिल का फायदा उठाया जा सकता है। आपको बता दे कि तिल के अंदर
मौजूद तत्व आपकी त्वचा को कोमल बनाए रखते हैं और यह स्किन के लचीलेपन को भी
बरकरार रखते हैं। इनके सेवन से नाक के आस-पास की स्किन टाइट होने लगती है।
साथ ही यह चेहरे को रोम छिद्रों को खोलने और इन्हे बढ़ने से भी रोकता है।
यह चेहरे पर होने वाले दानों को भीतर ही नष्ट कर देता है। यही नहीं त्वचा
पर और रोम छिद्रों में विकसित होने वाले विषाक्त पदार्थों को निष्प्रभावी
करता है।
बालों को बढ़ाने के लिए
अगर आपके बालों की
ग्रोथ बेहद कम है तो आपके लिए तिल फ़ायदेमंद साबित हो सकते हैं। दरअसल तिल
के बीजों के अंदर ओमेगा 3,6,9 और फैटी एसिड मौजूद होते हैं, जो बालों की
ग्रोथ के लिए सहायक माने जाते हैं। इसके लिए आप तिल के तेल की मालिश करें।
इससे आपको बालों की ग्रोथ तो बढ़ेगी ही साथ ही स्कैल्प भी स्वस्थ रहता है।
डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में
डायबिटीज़ उन गंभीर बीमारियों में शामिल है जो आपकी पूरे शरीर के लिए समस्या बन जाती है। ऐसे में अगर आपको डायबिटीज़ की शिकायत है या फिर इसे होने की संभावना है तो आप तिल का उपयोग कर इस समस्या से राहत पा सकते हैं। दरअसल तिल के बीजों में बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो डायबिटीज़ के असर को कम कर देते हैं। इनके सेवन से शरीर के अंदर इंसुलिन की मात्रा बनी रहती है और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके डायबिटीज़ के लक्षणों को सामान्य करने में मदद मिलती है।
हाइपरटेंशन दूर करने में
हाई ब्लड प्रेशर की
समस्या से जूझने वाले लोगों में भी तिल के फायदे देखे जा सकते हैं। आपको
बता दे कि तिल के अंदर पाए जाने वाला तेल हाई ब्लड प्रेशर को संतुलित
स्थिति में लाता है। इसके कारण आपके कार्डियोवास्कुलर सिस्टम पर तनाव कम
होने लगता है। तिल के सेवन से आपको दिनभर के मैग्नीशियम की 25 प्रतिशत खपत
प्राप्त होती है। इसके यही गुण ब्लड प्रेशर समेत कई अन्य समस्याओं से राहत
प्रदान करते हैं।
कैंसर से बचाए
कैंसर
जैसी समस्या से भी बचे रहने में तिल खाने के फायदे देखे गए हैं। आपको बता
दें कि तिल के अंदर बहुत से विटामिन्स और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। यह
तत्व आपके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। यही एंटीऑक्सीडेंट
गुण आपको ल्यूकेमिया, स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, अग्नाशय कैंसर,
कोलोरेक्टल कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर जैसी समस्याओं को पैदा होने से रोकते
हैं। इसके अलावा तिल के बीज के अंदर पाए जाने वाले गुण हृदय से जुड़ी
समस्याओं को भी कम करते हैं।
हड्डियों पर फायदे
बढ़ती
उम्र के कारण या कैल्शियम जैसे तत्वों की कमी के चलते अक्सर हड्डियाँ
कमजोर पड़ने लगती हैं और आसानी से टूट जाती हैं। इस स्थिति से बचे रहने और
हड्डियों को मजबूत करने के लिए भी तिल खाए जा सकते है। दरअसल तिल के अंदर
कैल्शियम और फॉसफोरस पाया जाता है। यह तत्व आपकी हड्डियों को तो मजबूत करते
ही हैं साथ ही हड्डियों को होने वाले नुकसान से भी बचाकर रखते हैं।
सूजन की समस्या करे ठीक
अगर
आपको सूजन की समस्या रहती है तो तिल का उपयोग आपके काम आ सकता है। ज्ञात
हो कि तिल के अंदर पर्याप्त मात्रा में कॉपर मौजूद होता है। शरीर में कॉपर
की कमी की वजह से ही मांसपेशियों और जोड़ों में सूजन की समस्या पैदा होती
है। लेकिन जब आप तिल का सेवन करना शुरू करते हैं तो यह कमी पूरी होने लगती
है। जिसके बाद सूजन की समस्या से राहत मिल जाती है। इसके अलावा अर्थराइटिस
की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए तिल का सेवन फ़ायदेमंद बताया गया है।