गेहूं के मुकाबले ज्वार में मिलता है ज्यादा प्रोटीन, होते हैं और भी पोषक तत्व, गर्मियों में हिट!

ज्वार का उपयोग पहले पशुओं को खिलाने के लिए किया जाता है। ज्वार की कई तरह की किस्में पाई जाती हैं, जिसमें सोरघम बिकलोर मानव द्वारा खाया जाता है। गेहूं के मुकाबले ज्वार में अधिक प्रोटीन पाया जाता है। इसमें उच्च मात्रा में कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस व आयरन होता है। इसके अलावा अच्छी मात्रा में फाइबर भी होता है। गर्मियों में लोग गेहूं की रोटी के बजाय ज्वार की रोटी खाना अधिक पसंद करते है।


डायबिटीज के रोगियों के लिए है फायदेमंद

मानव शरीर में एक पेंक्रियाज नामक ग्रंथी होती है जो की गलत खान-पान की वजह से ख़राब हो जाती है। खराब होने की वजह से पेंक्रियाज ग्रंथी ठीक तरीके से अपना काम नहीं कर पाती है। जिसके फलस्वरुप पेंक्रियाज ग्रंथी से कई तरह के हार्मोंस निकलते हैं। इन्हीं हार्मोंस में से एक हार्मोन इंसुलिन है। जब पेंक्रियाज ग्रंथी बेकार हो जाती है तो इंसुलिन का निर्माण कम होने लगता है।


इंसुलिन का स्तर कम होने से शरीर के रक्त में शुगर बढ़ जाती है जिससे व्यक्ति डायबिटीज के रोग से ग्रस्त हो जाता है। हालांकि डायबिटीज होने के अनेक कारण हैं किन्तु इसका मुख्य कारण पेंक्रियाज ग्रंथी का ख़राब होना ही है। बता दें कि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसको पूर्ण तरीके से ठीक तो नहीं किया जा सकता पर इसको बढ़ने से रोका जरूर जा सकता है।

इसके लिए खाने में ज्वार का इस्तेमाल सही रहता है। ज्वार के चोकर में एक प्रकार का एंजाइम पाया जाता है जो की शरीर से होने वाले स्टार्च के अवशोषण को रोकता है। अतः ज्वार स्टार्च और रक्त में शुगर को कम कर देता है जिसकी वजह से डायबिटीज नियंत्रित हो जाती है। डायबिटीज नियंत्रित हो जाने से डायबिटीज के कारण होने वाले अन्य रोग भी ख़त्म हो जाते हैं।


हड्डियों को मजबूत बनाता है

मैग्नीशियम ज्वार में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्वों में से एक है, जो कि शरीर में कैल्शियम एब्जॉर्व करने का काम करता है। इससे हड्डियां मजबूत और सेहतमंद बनी रहती हैं। कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के विकास में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसी के साथ बढ़ती उम्र के साथ कमजोर हो रही हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में मदद करते हैं।


एनीमिया से बचाव करे

अक्सर महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त रहती हैं। ऐसे में ज्वार के सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाया जा सकता है। हमने पहले भी बताया था कि ज्वार के अंदर मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है। साथ ही यह कॉपर और आयरन भी इनका ही स्रोत है जो शरीर के अंदर पहुंचकर कॉपर की मदद से लोहे के अवशोषण का विकास करता है। यह एनीमिया यानी खून की कमी को रोकता है साथ ही लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और रक्त परीक्षण को बढ़ाने में भी मददगार है। अगर आप शरीर में ऊर्जा के स्तर को सही रखना चाहते हैं और साथ ही लाल रक्त कोशिका में विकास करना चाहते हैं तो आप ज्वार का सेवन कर सकते हैं।

आयरन के लिए करें

ज्वार के प्रत्येक कप में 8.45 मिलीग्राम आयरन होता है। ज्वार में पाया जाने वाला आयरन नॉन-हीम होता है। जिन लोगों को एनीमिया हो, उनके लिए ज्वार का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। ज्वार में पाए जाने वाले नॉन-हीम आयरन का अवशोषण कठिन हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप ज्वार का सेवन ऐसे फूड के साथ करें, जिसमे विटामिन सी हो। आप चाहे तो मीट के साथ ही ज्वार को खा सकते हैं। ऐसा करने से आयरन का अवशोषण सही तरह से हो जाएगा। आप चाहे तो इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं।