वर्तमान समय की जीवनशैली में जितने मायने शारीरिक सेहत के हैं, उससे ज्यादा कई मायने मेंटल हेल्थ अर्थात मानसिक सेहत के हैं। मेंटल हेल्थ का अर्थ है हमारा इमोशनल, साइकोलॉजिकल और सोशल हेल्थ। अगर आप खराब मेंटल हेल्थ का सामना करते हैं तो अपने काम को अच्छे से नहीं कर पाते हैं और इसका असर आपकी सेहत के साथ ही रिश्तों पर भी पड़ता हैं। लेकिन इसके बावजूद लोग अपनी मेंटल हेल्थ को नजरअंदाज करते है और इसे बेहतर बनाने के लिए प्रयास नहीं करते हैं। जबकि जीवनशैली से जुड़े ऐसे छोटे-छोटे बदलाव हैं जिसके माध्यम से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। आज हम आपको इसी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
अच्छी नींद है बेहद जरूरी वैज्ञानिक मानते हैं कि, नींद की कमी मस्तिष्क के सभी कार्यों को प्रभावित कर सकती है। यह ध्यान और आपकी स्पष्ट रूप से सोचने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। यह आपके मूड और व्यवहार को भी प्रभावित कर सकता है। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है। आप हर रात अच्छी नींद लेने के लिए लगभग सात से नौ घंटे सोना जरूरी है।
ध्यान करें हर सुबह सिर्फ 10 मिनट ध्यान लगाने से भी आपका तनाव कम होगा। ध्यान के कई लाभ हैं, जिन्हें विज्ञान भी मानता है। यह एकाग्रता, ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और व्यक्ति के आत्म सम्मान और आत्म जागरुकता को भी बढ़ा सकता है। पैसिफिक ब्रेन हेल्थ सेंटर की ओर से समीक्षा किए गए अध्ययन के अनुसार, ध्यान तनाव, चिंता और अवसाद को मैनेज करने में मदद करता है। यह नशे की लत से लड़ने में भी मदद करता है। ध्यान शुरू करने के लिए कई ऐप और तरीके हैं और स्पष्ट प्रभावों के साथ लंबे समय तक ध्यान लगाने के काबिल होने में समय लगता है।
खुद के प्रति संवेदनशील बनेंक्या आप किसी और के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे जैसा आप खुद के साथ कर रहे हैं? अपने आपको दुखी या नाराज़ होने के लिए दोषी मत मानें, खुद से प्यार से पेश आएं। हर दिन कम से कम 15-20 मिनट के लिए अपने पसन्द का कोई काम करें। सेल्फ केअर का मतलब छुट्टी पर जाना या दोस्तों के साथ समय बिताना ही नहीं होता। अपने लिए समय निकालना भी सेल्फ केअर का हिस्सा है।
सोशल मीडिया स्क्रीन टाइम कम करेंसोशल मीडिया पर कम से कम वक्त बिताने की कोशिश करें। दूसरे लोगों की ज़िंदगी के बारे में लगातार जानकारी लेने से आप खुद की तुलना उनसे करने लगते हैं, जिससे आपका आत्मविश्वास कम हो सकता है और एंग्ज़ायटी व डिप्रेशन बढ़ सकता है।
खानपान को सीमित करने से बचेंवैज्ञानिकों का मानना है कि, खुद को खानपान से जुड़े मुद्दों को लेकर सीमित दायरा न बनाएं। सबकुछ खाएं लेकिन कम खाएं। अपनी डाइट को हेल्दी रखें। रोजाना ब्रेकफास्ट करें, जिसमें नट्स, फ्रूट्स और अन्य पोषक युक्त चीजों को शामिल करें।
सार्थक रिश्ते बनाएंमजबूत रिश्ते आपकी मेंटल हेल्थ पर कई तरीकों से सकारात्मक असर डाल सकते हैं। सकारात्मक रिश्ते बनाना और अपनी दोस्ती को मजबूत बनाना अकेलेपन की भावनाओं को कम कर सकता है, भावनात्मक सपोर्ट हासिल करना आसान बना सकता है और आपकी ज़िंदगी में नए मायने जोड़ सकता है।
एक्सरसाइज है जरूरी एक्सरसाइज आपको स्ट्रेस दूर करने, मूड बेहतर बनाने, जल्दी सो जाने और ज्यादा वक्त तक सोने में मदद करती है। साथ ही ये डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी को कंट्रोल करती है। इसका मतलब सिर्फ जिम जाना ही नहीं है। इसके बजाय, बॉडी मूवमेंट और स्ट्रेचिंग को तरजीह दें और ऐसी फिजिकल एक्टिविटी चुनें, जो आपके शरीर और सेहत के लिए बेहतर हो।
अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज़ करेंदिमाग की सेहत को बरकरार रखने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है दिमाग को एक्टिव और बिज़ी रखना। अगर आपको किसी चीज़ का शौक है, तो उसे करना जारी रखें, जैसे- फोटोग्राफी, पेंटिंग या डांस। जब हम लो फील करते हैं तो सबसे पहले हम वो चीज़ें करना बंद कर देते हैं, जो पहले हमें खुशी देती थीं, लेकिन अगर मुमकिन हो तो इस आदत से बचें।