पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ा है, और इससे होने वाली मौतों के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। हालांकि हार्ट अटैक कभी भी हो सकता है, लेकिन शोधों के अनुसार सोमवार के दिन इसकी संभावना अन्य दिनों की तुलना में अधिक होती है। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (BHF) की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को हार्ट अटैक का खतरा 13% अधिक होता है। इसी तरह, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के पति और प्रसिद्ध कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. श्रीराम नेने ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सोमवार की सुबह हार्ट अटैक का खतरा सबसे अधिक होता है। इस स्थिति को 'ब्लू मंडे' कहा जाता है, और इसके कारणों को समझना जरूरी है।
ब्लू मंडे क्या है?आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा होती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सोमवार को हार्ट अटैक का खतरा 13% ज्यादा बढ़ जाता है। इसे 'ब्लू मंडे' कहा जाता है, जिसका मतलब है कि सप्ताह के पहले दिन की शुरुआत में दिल के दौरे का जोखिम अन्य दिनों से ज्यादा रहता है।
सोमवार सुबह क्यों आता है हार्ट अटैक?डॉ. श्रीराम नेने के अनुसार, सोमवार सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके पीछे एक प्रमुख कारण है सर्काडियन रिदम (biological clock), जिसमें हमारे सोने और जागने का चक्र शामिल होता है। सप्ताहांत में अधिकतर लोग देर से सोते हैं, और इस दौरान वे अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते। परिणामस्वरूप, 'सोशल जेट लैग' की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे ब्लड प्रेशर और कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। यही स्थिति हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
सोमवार को जब लोग जल्दी उठते हैं और सर्काडियन रिदम में बदलाव आता है, तो उनका शरीर अधिक तनाव महसूस करता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए क्या करें:
स्वस्थ आहार अपनाएं: फल और सब्जियां: हर दिन ताजे फल और हरी-भरी सब्जियां खाएं। ये हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं।
पूरा अनाज: ब्राउन राइस, ओट्स, और गेहूं जैसे पूरे अनाज का सेवन करें, क्योंकि ये रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
कम वसा वाले खाद्य पदार्थ: फास्ट फूड और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें। संतृप्त वसा और ट्रांस वसा का सेवन कम से कम करें।
नियमित व्यायाम करें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट का हल्का व्यायाम, जैसे वॉकिंग, साइक्लिंग या तैराकी, हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और हृदय को मजबूत करता है।
तनाव कम करें:
मानसिक तनाव भी हृदय की सेहत पर असर डाल सकता है। ध्यान, योग, प्राणायाम या संगीत सुनने से तनाव कम किया जा सकता है। अपने दिनचर्या में शांति और मानसिक सुख के लिए समय जरूर निकालें।
धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान: धूम्रपान हृदय रोगों का प्रमुख कारण है। इसे छोड़ना आपके हृदय के लिए फायदेमंद होगा।
शराब: अधिक शराब का सेवन हृदय के लिए हानिकारक होता है। इसे कम करें या पूरी तरह से छोड़ें।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें: ब्लड प्रेशर: उच्च रक्तचाप से बचने के लिए कम नमक वाले भोजन का सेवन करें और नियमित रूप से रक्तचाप की जांच कराएं।
कोलेस्ट्रॉल: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और यदि आवश्यक हो तो दवाओं के जरिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखें।
वजन को नियंत्रित रखें: अधिक वजन हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखें। यदि मोटापा है, तो वजन कम करने के लिए आहार और व्यायाम पर ध्यान दें।
नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं: नियमित रूप से अपने डॉक्टर से जांच करवाएं, खासकर यदि आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो। कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप, रक्त शर्करा और अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतकों की नियमित जांच से हृदय संबंधी समस्याओं का जल्दी पता चल सकता है।
सोने की आदतें सुधारें: हर रात 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें। नींद की कमी से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। नींद में व्यवधान, जैसे स्लीप एपनिया, को तुरंत ठीक करवाना जरूरी है।
सक्रिय रहें और अधिक बैठने से बचें: लंबे समय तक बैठे रहना हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। बीच-बीच में उठकर चलें या खड़े हो जाएं।
नोट : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।