सुबह की चाय में एक चम्मच चीनी, दोपहर की मिठाई का स्वाद, ऑफिस में बिस्किट और शाम को शरबत या कोल्ड ड्रिंक—इन सबके बीच कब कितनी चीनी आपके शरीर में पहुंच रही है, इसका एहसास हमें खुद भी नहीं होता। मीठा खाने से दिल को तो खुशी मिलती है, लेकिन यही मीठास धीरे-धीरे शरीर के लिए धीमा जहर बन जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो रोज़ाना की जरूरत से ज्यादा चीनी का सेवन सिर्फ मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों को नहीं बढ़ाता, बल्कि ये आपकी त्वचा को समय से पहले बूढ़ा कर सकता है और चेहरे पर झुर्रियां भी ला सकता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप जानें – आखिर कितनी चीनी एक दिन में लेना सही है और इससे ज्यादा लेने पर क्या खतरे हो सकते हैं।
एक दिन में कितनी चीनी खाना है सही? - एक सामान्य वयस्क को रोजाना अधिकतम 25 ग्राम यानी लगभग 6 चम्मच से अधिक शक्कर नहीं लेनी चाहिए।
- बच्चों के लिए यह मात्रा और भी कम होनी चाहिए, लगभग 4 चम्मच तक।
- ध्यान रहे, यह मात्रा ऐडेड शुगर पर लागू होती है, यानी वह चीनी जो आप चाय, मिठाई, कोल्ड ड्रिंक्स, कुकीज आदि के जरिए लेते हैं।
ज्यादा चीनी खाने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
1. मोटापा बढ़ना : शक्कर में कैलोरी तो खूब होती है लेकिन पोषण नहीं। इसका अधिक सेवन तेजी से वजन बढ़ाता है। जब आप बार-बार मीठा खाते हैं, तो शरीर इसे फैट के रूप में जमा करने लगता है। इससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ सकता है और वजन नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
2. डायबिटीज का खतरा : लगातार हाई शुगर लेवल पैंक्रियास पर दबाव डालता है जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस और टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। अधिक चीनी के कारण शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन पर प्रतिक्रिया देना बंद कर सकती हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल से बाहर हो जाता है और यह स्थायी समस्या बन सकती है।
3. दिल की बीमारियां : रिसर्च बताती हैं कि अधिक चीनी ब्लड प्रेशर और ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाकर हृदय संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को घटाता है, जिससे धमनियां संकरी हो सकती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
4. त्वचा की उम्र बढ़ना : ज्यादा शुगर कोलेजन प्रोटीन को नुकसान पहुंचाती है, जिससे स्किन जल्दी ढीली पड़ती है और झुर्रियां उभरने लगती हैं। ग्लाइकेशन नाम की प्रक्रिया में शुगर स्किन प्रोटीन से जुड़ जाती है जिससे त्वचा की इलास्टिसिटी कम हो जाती है, और समय से पहले बुजुर्ग दिखने लगते हैं।
5. दांतों की सड़न : मीठा बैक्टीरिया को आकर्षित करता है, जिससे कैविटी और दांतों की सड़न की समस्या हो सकती है। जब चीनी दांतों की सतह पर चिपक जाती है, तो यह एसिड का निर्माण करती है जो इनेमल को नुकसान पहुंचाता है। नियमित ब्रशिंग न करने पर यह दांतों को कमजोर और दर्दनाक बना सकता है।
कैसे करें चीनी की मात्रा को कंट्रोल?
शुगर की जगह गुड़, शहद जैसे प्राकृतिक विकल्पों को अपनाएं –
गुड़ और शहद जैसे नेचुरल स्वीटनर्स में मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो रिफाइंड शुगर की तुलना में सेहतमंद विकल्प हैं। हालांकि इनका भी सीमित मात्रा में सेवन करें क्योंकि इनमें भी प्राकृतिक शर्करा होती है।
कोल्ड ड्रिंक, मिठाई, कुकीज और बेकरी आइटम्स से दूरी बनाए रखें –
इन उत्पादों में हिडन शुगर के अलावा ट्रांस फैट्स और प्रिज़र्वेटिव्स भी होते हैं, जो न सिर्फ वजन बढ़ाते हैं बल्कि मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करते हैं।
पैक्ड फूड लेते वक्त उसके लेबल जरूर पढ़ें—कई बार इनमें छिपी हुई चीनी होती है –
जैसे कि ‘कॉर्न सिरप’, ‘माल्टोज़’, ‘डेक्सट्रोज़’, ‘इन्वर्ट शुगर’ जैसे नामों से चीनी को छुपाया जाता है। अगर किसी उत्पाद में कई तरह की शुगर लिस्ट की गई हो तो उसका सेवन सीमित करें।
ताजे फल खाएं और अगर जूस लेना हो तो बिना शक्कर वाला जूस ही चुनें –
ताजे फल न केवल प्राकृतिक मिठास देते हैं बल्कि फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होते हैं। फ्रूट जूस में से फाइबर हट जाता है, इसलिए पूरा फल खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।