दांतों की झंझनाहट रोक रही है आइसक्रीम खाने से, इन घरेलू नुस्खों से पाएँगे आराम

अक्सर आपने कुछ लोगों को देखा होगा कि वे कुछ भी ठंडा खाने से कतराते हैं, यहाँ तक कि ठंडा पानी भी नहीं पीते है जिसके पीछे की वजह होती है उनके दांतों की झंझनाहट का होना। जी हाँ, दांतों में झंझनाहट होने की वजह से व्यक्ति कुछ भी ठंडा नहीं खा पाता है और उसके दांतों में दर्द होने लग जाता हैं। इस समस्या से उभरने के लिए आज हम आपके लिए कुछ नायाब घरेलू उपाय लेकर आए है जिनकी मदद से दांतों की झंझनाहट से आराम पा सकेंगे। तो आइये जानते है इन उपायों के बारे में।

* तिल, सरसों का तेल और नारियल का तेल एक-एक चम्मच करके अच्छी तरह मिला लें। अब इस तेल से दांतों और मसूड़ों की मसाज करें। उसके बाद गुनगुने पानी से मुंह साफ कर लें। कुछ दिन ऐसा करने पर आपको खुद ही फर्क नजर आने लगेगा।

* फ्लोराइड हमें दांतों की सड़न और टूथ इनेमल को डैमेज होने से बचाता है। ऐसे माउथवॉश और टूथपेस्ट का प्रयोग करें जिसमें फ्लोराइड शामिल हो।

* नमक और सरसों के तेल से मसाज करना भी फायदेमंद होता है। आप चाहें तो सिर्फ सरसों के तेल से भी दांतों और मसूड़ों की मसाज कर सकते हैं।

* संवेदनशील दांतों के लिए बाजार में कई खास तरह के टूथपेस्ट मौजूद हैं। तो दातों में ठंडा-गरम लगने पर साधारण टूथपेस्ट के बजाय इनका उपयोग करें। व्हाइटनर युक्त टूथपेस्ट का उपयोग न करें, ये टूथपेस्ट दांतों पर कठोरता से काम करते हैं जिससे तकलीफ और बढ़ जाती है।

* हल्के गरम पानी में लगबग 2 चम्मच नमक मिला लें। और फिर इस घोल से सुबह को तथा रात को सोने जाने से पहले कुल्ला करें। यह एक आयुर्वेदिक उपचार है जो दांतों में ठंड़ा-गरम लगने की समस्या में कभी लाभदायक होता है।

* दांतों की झनझनाहट को ठीक करने के लिए काले तिल भी फायदेमंद होते हैं। इसके लिए दिन में 2 बार 1-1 चम्मच काले तिल को अच्छी तरह चबाएं।

* सॉफ्ट या एक्स्ट्रा सॉफ्ट ब्रश का ही उपयोग करें। कड़क ब्रिसल्स से दांत घिसने लगते हैं। दांत संवेदनशील होने पर अक्सर लोगों को ब्रश करते हुए दर्द उठता है। कड़क ब्रिसल्स प्राकृतिक रूप से होने वाली मरम्मत के काम में भी अवरोध पैदा करते हैं। दांतों पर हल्के से ऊपर-नीचे ब्रश करें। ब्रश करने का तरीका गलत होने पर भी संवेदनशीलता बढ़ जाती है।