अक्सर देखा गया है कि चिकन पॉक्स अर्थात छोटी माता की बीमारी ज्यादातर बच्चों में होती हैं, जिसमें पूरे शरीर पर निशान होने लग जाते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने लगती हैं। इस रोग पर समय पर काबू नहीं पाया जाए तो यह बीमारी बड़ी समस्या बनकर उभर सकती हैं और कई बिमारियों का कारण बन सकती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ घरेलू उपचार लेकर आए है जिनकी मदद से चिकन पॉक्स (छोटी माता) को दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते है इन उपायों के बारे में।
* चिकन पॉक्स होने पर शरीर में बहुत तेज खुजली होती है। खुजली से बचने के लिए जई के आटे को पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए। 2 लीटर पानी में 2 कप जई का आटा मिलाकर लगभग 15 मिनट तक उबालें, पके आटे को एक कॉटन के बैग में अच्छी तरह से बांधकर बॉथ टब में डालकर नहाएं।
* तुलसी के 5 पत्ते, 5 मुनक्का, 1 बड़ी पीपली (छोटे बच्चों को 1/4 पीपली व बड़े बच्चों को 1/2 पीपली) को कूटकर रस निकाल लें या सिल पर पीसकर पेस्ट बना लें। छोटे बच्चों को 1/2 चम्मच व बड़े बच्चों को एक चम्मच सुबह-शाम को दें।
* आयुर्वेद में चिकन पॉक्स को "लघुमसूरिका" कहते हैं। यह रोग शरीर की मेटाबॉलिक दर मे गड़बड़ी से होता है जिसके लिए संजीवनी और मधुरांतक वटी तुरंत राहत के लिए दी जाती है। गिलोय की 5-7 इंच लंबी बेल को कूटकर इसका रस निकाल लें या गर्म पानी में उबालकर, ठंडा होने पर इसे मसल लें और छानकर सुबह और शाम को प्रयोग करें।
* एंटीबायोटिक्स का उपयोग करें। घाव को साफ करने के बाद, एंटीबायोटिक्स क्रीम या मलहम की एक पतली परत लगाए। ये एंटीबायोटिक्स दवाइयां घाव को तेज़ी से ठीक तो नहीं करती, लेकिन वे जीवाणु वृद्धि और संक्रमण को आगे बढ़ने से रोक सकती हैं।
* ख़ूब पानी पीजिये। चेचक में निर्जलीकरण महत्त्वपूर्ण लक्षणों में से एक है! सुनिश्चित करें कि पानी उबला हुआ और कमरे के तापमान पर ठंडा किया हो। किसी के साथ अपना ग्लास या पानी की बोतल साझा न करें।
* नीम की पत्तियों को गर्म पानी में डालकर नहाने से खुजली समाप्त होती है। नीम प्राकृतिक रूप से एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में चिकन पॉक्स ठीक करने में बेहद फायदेमंद है।
* नीम की पत्तियों को गर्म पानी में डालकर नहाने से खुजली समाप्त होती है। नीम प्राकृतिक रूप से एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में चिकन पॉक्स ठीक करने में बेहद फायदेमंद है।