स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी हैं जो H1N1 वायरस द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। हांलाकि स्वाइन फ्लू बहुतायत में फ़ैल रहा हैं, लेकिन सावधानी रखी जाए तो इससे बचाव किया जा सकता हैं और इसका इलाज भी संभव हैं। स्वाइन फ्लू आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता हैं। आज हम आपको स्वाइन फ्लू से बचाव के कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से इससे बचाव भी किया जा सकता हैं और छुटकारा पाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन घरेलू उपचार के बारे में।
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तुलसीभारतीय घरों में तुलसी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। तुलसी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस दोनों प्रकार के तत्वों के कारण यह सबसे लाभकारी जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह किसी की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकती है। इसलिए ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि यह स्वाइन फ्लू को बिल्कुल ठीक कर देगी, लेकिन ‘एच1एन1’ वायरस से लड़ने में निश्चित रूप से सहायक हो सकती है। तुलसी से लाभ पाने का सबसे आसान तरीका है कि हर रोज इसकी पांच अच्छी तरह से धुली हुई पत्तियों का इस्तेमाल करें।
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कपूरस्वाइन फ्लू से बचाव के लिए कपूर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वयस्क चाहें तो कपूर की गोली को पानी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं बच्चों को इसका पाउडर आलू अथवा केले के साथ मिलाकर देना चाहिए। लेकिन कपूर के सेवन के बारे में इस बात का ध्यान रखें कि कपूर का रोज नहीं लेना चाहिए। महीने में एक या दो बार ही इसका इस्तेमाल पर्याप्त है।
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गिलोयगिलोय देश भर में बहुतायत में मिलने वाली एक दिव्य औषधि है। इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी शाखा को लेकर तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 15 मिनट तक उबालना चाहिए। ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक अथवा काला नमक मिलाएं। यह औषधि आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को चमत्कारिक ढंग से बढ़ा देती है। साथ ही गिलोय हर तरह के बुखार में कारगर होता है। यदि यह पौधा आपको अपने आसपास नहीं मिलता है तो किसी आयुर्वेद की दुकान से भी आप इसे ले सकते हैं।
* लहसुनलहसुन भी मौजूद एंटी-वॉयरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में मदद करते है। इसके लिए आप लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है।
* एलोवेराएलोवेारा एक और ऐसी लोकप्रिय जड़ी-बूटी है जो आपके भीतर फ्लू से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। इसका इस्तेमाल दवाइयों तथा सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसके अलावा एलोवेरा व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है। एलोवेरा जैल की एक चम्मच पानी के साथ इस्तेमाल करने से न सिर्फ त्वचा को खूबसूरत बनाया जा सकता है, बल्कि यह स्वाइन फ्लू के असर को कम करने में भी कारगर साबित होता है।
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हल्दी
सालों से हल्दी का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधन के अलावा सर्दी खांसी को दूर करने के लिए भी किया जाता रहा है। हल्दी में अनिवार्य तेल और हल्दी को रंग देने वाला पदार्थ करक्युमिन होता है। करक्युमिन में कई औषधीय गुण होते हैं। इसके अलावा हल्दी की सबसे बड़ा गुण यह है कि ऊंचे तापमान पर गर्म करने के बावजूद भी इसे औषधीय गुण नष्ट नहीं होते है। जानकारों के अनुसार गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। और रोजाना एक गिलास दूध में थोड़ी सी पिसी हल्दी मिलाकर पीने से स्वाइन फ्लू का असर कम होने लगता है।