इन कारणों से बढ़ रहे हैं युवा महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले, जानें और रहें सतर्क

हार्ट अटैक वर्तमान समय की सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक हैं। हर दिन कई भारतियों की हार्ट अटैक से मौत हो रही हैं। लेकिन यह देखने को मिल रहा हैं कि पहले के समय में जो हार्ट अटैक उम्रदराज लोगों को अपना शिकार बनाता था, वह अब युवा लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा हैं। पहले कहा जाता था कि महिलाओं में हार्ट अटैक और हृदय से जुड़ी बीमारियां कम होती थी लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जानकारों के मुताबिक 18 से 55 साल की महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा अन्य की अपेक्षा ज्यादा होता है। ऐसे में अगर आप भी हार्ट अटैक से बचना चाहती हैं तो उसके लिए आपको अपने हार्ट का खास ध्यान रखने की जरूरत है। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे कारणों के बारे में जो बताते हैं कि आखिर युवा महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...


मोटापा

युवतियों या युवा महिलाओं में हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण मोटापा भी है। डॉक्टरों का मानना है कि जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं, उनमें सहज ही हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। मोटापे से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है। हाई बीपी महिलाओं में दिल के दौरे या हार्ट अटैक के अहम वजहों में से एक है।

अधिक गर्भनिरोधक गोलियां लेना

युवा महिलाओं में दिल के दौरे का एक अहम कारण गर्भनिरोधक गोलियों या कंट्रासेप्टिव पिल्स का अधिक सेवन माना जाता है। दरअसल अगर आप गर्भनिरोधक गोलियों का जरूरत से ज्यादा सेवन करतीं हैं तो इसका हार्मोनल प्रभाव पड़ता है। हार्मोन के स्तर में बदलाव से ब्लड प्रेशर का लेवल बदल सकता है और युवा महिलाओं के दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। ये पिल्स युवा महिलाओं में रक्त के थक्के के निर्माण का कारण भी बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है।

निष्क्रिय जीवनशैली

समय पर भोजन न कर पाना, कंप्यूटर के सामने घंटों बैठे रहना, फिजिकल एक्टिविटी कम होना या व्यायाम न करना, इन सब के कारण धीरे-धीरे दिल की मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं। ये दिल की बीमारियों का अहम कारण है। दिल की ही नहीं निष्क्रिय या खराब जीवनशैली से दूसरी बीमारियां भी शरीर पर हावी होने लगती हैं।

तनाव

स्ट्रेस यानी कि तनाव हर किसी के लिए हानिकारक है। डॉक्टर मानते हैं कि आज की महिलाएं न ही केवल घर संभाल रही हैं, बल्कि दफ्तर की जिम्मेदारियां भी देख रही हैं। सब कुछ एक साथ संभालते हुए वे तनाव का सामना भी करती हैं। स्ट्रेस की वजह से कोरोनरी धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस या प्लाक हो सकता है, जिससे खून का प्रवाह प्रभावित होता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।

अनहेल्दी डाइट और अपर्याप्त नींद

हृदय काे स्वस्थ रखने के लिए अच्छी डाइट और पूरी नींद लेना बहुत जरूरी हाेता है। लेकिन आजकल के युवा अपनी डाइट पर खास ध्यान नहीं देते हैं, साथ ही पर्याप्त नींद भी नहीं लेते हैं। प्रसंस्कृत चीनी, ट्रांस-वसा, सोडा और कोलेस्ट्रॉल का सेवन धमनियों या एथेरोस्क्लेरोसिस में पट्टिका निर्माण के लिए जिम्मेदार साबित होता है। अनहेल्दी डाइट नींद काे भी प्रभावित करता है। यह आगे चलकर युवा महिलाओं में उच्च रक्तचाप और हृदय की समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए अच्छी डाइट लें और 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।

डायबिटीज

चिकित्सकों का ये मानना है कि मधुमेह यानी कि डायबिटीज किडनी के साथ ही दिल को भी प्रभावित करता है। डॉक्टर बताते हैं कि पिछले दशक से मधुमेह से पीड़ित युवा महिलाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। मधुमेह के कारण होने वाली मेटाबोलिक अबनोर्मलिटीज युवा महिलाओं में स्ट्रोक या दिल के दौरे का खतरा बढ़ा देती है।

धूम्रपान और शराब पीना

युवाओं में धूम्रपान और शराब का सेवन अनियमित दिल की धड़कन और हृदय गति में बदलाव करता है। लंबे समय तक इन चीजाें के सेवन से युवा महिलाओं और पुरुषों में अचानक कार्डियक अरेस्ट या दिल का दौरा पड़ने का जाेखिम अधिक हाेता है।