पहले लोग शरीर को स्वस्थ एवं शुद्ध रखने के लिए भोजन करने के लिए विभिन्न प्रकार की चीजों का उपयोग किया करते थे इन्हीं में से एक थी पलाश का पेड़ के पत्तों का उपयोग जो पुराने समय से ही होता आ रहा है। लेकिन अब बदलते दौर के साथ इन का उपयोग भी अब धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। लेकिन क्या आपको पता है पलाश के फूलों और बीज में कई औषधीय गुण होते है, जो कई रोगो के लिए रामबाण है। आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताये गए है, आइए जानते है कैसे?
सूजन के लिए पलाश के फूलों का उपयोगअगर शरीर में किसी भी कारण से सूजन आ जाए, तो उससे आराम पाने के लिए पलाश के फूलों का उपयोग किया जा सकता है। पलाश के फूल में मेथेनॉलिक अर्क होता है और इस अर्क में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये घाव के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं वहीं, इसमें मौजूद, ब्यूटेन, आइसो ब्यूट्रिन और आइसो कोरोप्सिन नामक तत्व होता है जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए पलाश के फूलों को साफ कर इसे पीस कर पेस्ट बना लें और सूजन वाली जगह पर इसके पेस्ट को लगा ले आपको सूजन से आराम मिलेगा।
पेट के दर्द से मिले निजातपलाश के फूलों से पेट दर्द से निजात पाया जा सकता। पलाश के बीज का उपयोग पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। वहीं, पेट से जुड़े विकारों को दूर करने के लिए पलाश के बीज पेट के कीड़े का उपचार करने में भी सहायक हो सकते हैं।
बुखार में पलाश के फूलशरीर में किसी तरह के वायरस या बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हो जाता है, तो भी बुखार हो सकता है। बुखार से आराम पाने में भी पलाश के फूल के फायदे देखे जा सकते हैं। हालांकि, इसके पीछे पलाश का कौन-सा गुण काम करता है, इसे लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।
हेल्थी स्किन को दे बढ़ावापलाश के फूल, पत्तियां और बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इससे त्वचा की सूजन को कम करने, संक्रमण से लड़ने और हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। वहीं पलाश के फूल, पत्ते और बीज त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस के इलाज में भी कारगर है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैपलाश के फूल, पत्ते और बीज में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व भरपूर पाए जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा ये प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और विभिन्न बीमारियों को रोकने में भी मदद करते हैं।
मधुमेह रोग के लिए वरदानमधुमेह जैसी समस्या में भी पलाश के फूल बेहद लाभकारी माने जाते हैं। आयुर्वेद में मधुमेह के लिए पलाश के फूलों के सेवन के कई तरीके बताये गए हैं। यह मधुमेह के रोगियों को इस बीमारी से लड़ने में मदद करता है, क्योंकि पलाश के फूलों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की क्षमता होती है. पलाश के फूलों का रस भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए पलाश के साफ फूल को एक कप पानी में पूरी रात भिगाकर रखें उसके बाद फूल का पानी कप में निचोड़कर पीने से फायदा होता है।
मूत्र रोग को में कारगरपलाश के फूलों का उपयोग मूत्र संबंधी रोगों में भी किया जाता है, आयुर्वेद में इसे मूत्रवर्धक माना जाता है, पलाश के फूलों का रस मूत्राशय की सूजन, पेशाब की वृद्धि और अन्य मूत्र रोगों में फायदेमंद होता है। इसके लिए सबसे पहले पलाश के फूलों का रस निकालकर उसे छान लें, अब इसके आधा कप रस का नियमित सेवन मूत्र से जुड़ी समस्याओं के लिए कर सकते हैं।