अपने दिन की शुरुआत ज्यादातर लोग चाय के साथ करते हैं। इसे नींद को दूर भगाने और शरीर को ताजगी से भरने वाला पेय पदार्थ माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि साधारण सी चाय में कुछ आसानी से उपलब्ध औषधीयों को मिलाकर कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। ऐसी ही एक औषधि दालचीनी है। चाय में दालचीनी मिलाकर पीने से कई फायदे मिल सकते हैं।
पाचन विकार के लिए
-अपच, पेटदर्द और सीने में जलन महसूस होने पर आप दालचीनी, सौन्ठ, जीरा और इलायची सम मात्रा में लेकर पीसकर गरम पानी के साथ ले सकते हैं।
-दालचीनी, काली मिर्च पावडर और शहद आदि मिलाकर भोजन के बाद लेने से पेट अफारा नहीं होता।
- दालचीनी से जी मचलना, उल्टी और जुलाब रुकते है।
-कब्ज और गैस की समस्या कम करने के लिये दालचीनी के पत्तों का चूर्ण और काढा बना कर लिया जाता है।
जुकाम के लिए
चुटकी भर दालचीनी पावडर पानी में उबालकर, उसीमे चुटकी भर काली मिर्च पावडर और शहद डालकर लेने से सर्दी-जुकाम, गले की सुजन एवं मलेरिया कम हो जाता है।
# स्त्री रोग- गर्भाशय के विकार और गनोरिया में दालचीनी का उपयोग किया जाता है।
- प्रसव के बाद एक महिने तक दालचीनी का टुकडा चबाने से गर्भ धारणा को टाला जा सकता है।
-दालचीनी से माता के स्तन का दूध बढ़ता है।
-गर्भाशय का संकुचन होता है।
# कैंसर
दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है। एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन इसके लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।
# एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूरदालचीनी की चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होता है। एक शोध में पाया गया है कि दालचीनी की चाय में मौजूद पॉलीफेनोल एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह कार्य करते हैं। रिसर्च में आगे इस बात का भी जिक्र मिलता है कि दालचीनी की चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स को कम करने में मददगार हो सकता है।
दरअसल, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कई प्रकार की बिमारियों के साथ ही शरीर की एजिंग प्रक्रिया में तेजी लाने, ट्रॉमा और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसके अलावा, फ्री रेडिकल्स को सूजन, कैंसर, मानसिक तनाव का कारण माना जाता है ।
# मधुमेह की समस्या मेंदालचीनी की चाय का सेवन मधुमेह की समस्या में भी फायदेमंद हो सकता है। शोध के अनुसार, मधुमेह के मरीज दालचीनी को डाइट में शामिल करके डायबिटीज को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। रिसर्च में आगे बताया गया है कि इसमें हाइपोग्लासेमिक यानी ब्लड ग्लूकोज को कम करने वाला प्रभाव होता है । एक अन्य अध्ययन के अनुसार, दालचीनी और इसके अर्क में मौजूद पॉलीफेनॉल्स शरीर के सीरम ग्लूकोज को कम और इंसुलिन को बेहतर करके डायबिटीज से बचा सकते हैं ।
# खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए
-दालचीनी के पत्ते और छाल के उपयोग से केक, मिठाई और खाने का स्वाद बढाया जाता है।
- दालचीनी का तेल इत्र, मिठाई और पेय में उपयोग किया जाता है।
# अतिरिक्त उपयोगिता
-वीर्य वृद्धि के लिये दालचीनी पाउडर सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ ले।
-ठंड की वजह से सिरदर्द हो तो दालचीनी पानी के साथ पीसकर सिरपर लगाये।
- मुह की दुर्गंध और दांत की दवा में दालचीनी का उपयोग किया जाता है।
-मुहांसे कम करने के लिये दालचीनी का चूर्ण नींबू के रस में मिलाकर लगाये।
-खसरा निवारक के तौर पर दालचीनी का उपयोग किया जाता है।