मोबाइल फोन आज के समय में सबसे उपयोगी और जरुरी वस्तु हो गई है। दुनिया में आज के समय हर दूसरे इन्सान के पास मोबाइल फोन है। पहले एक जगह से दूसरी जगह बात करने के लिए चिट्ठियां चला करती थी, फोन में टेलीग्राम हुआ करते थे, जिसमें नंबर लगाकर घंटों, या कई दिन तक इंतजार के बाद बात हो पाती थी। फिर कुछ समय बाद घर में फोन आ गया, जिसे लैंडलाइन कहा गया। लैंडलाइन के द्वारा देश, विदेश में सब जगह बात होने लगी। फिर कुछ समय बाद विज्ञान ने और तरक्की की और वायरलेस फोन का निर्माण हुआ, जिसे मोबाइल कहा गया। विज्ञान के क्षेत्र में मोबाइल ने अविस्मरणीय काम किये है।
मोबाइल टावर क्यों नुकसानदायक है
मोबाइल टावर में रेडिएशन होता है, जिससे वे अपने उपभोक्ता के मोबाइल से जुड़ते है। ये रेडिएशन ही मानव के साथ-साथ जीव जंतु के लिए भी नुकसानदायक है। कुछ लोगों का मानना है कि मोबाइल टावर से निकलने वाली विकिरण मनुष्य को जानलेवा बीमारी भी दे सकती है। मोबाइल टावर उपभोक्ता के मोबाइल से विद्युत चुम्बकीय तरंग द्वारा जुड़ते है। ये तरंगे अगर एक सिमित अवस्था में है तो कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन अधिकता से इसके दुष्परिणाम सामने आते है। टावर कंपनी उपभोक्ता अधिक होने पर, अपने टावर की संख्या नहीं बढाती, बल्कि वे अपने पहले से इनस्टॉल टावर में अधिक उपभोक्ता को जोड़ देती है, जिससे उस टावर के आसपास अधिक विद्युतचुम्बकीय तरंगें एक घना जाल जैसा बना लेती है। फिर जो इसके आसपास आता है, उसे किसी न किसी रूप में वो नुकसान देने लगती है।
मोबाइल टावर कैसे नुकसान पहुंचाता है
मोबाइल टावर के 100 मीटर के दायरे में विकिरण का प्रभाव 100 गुना होता है। मोबाइल टावर में जितने अधिक एंटीना होते है, वो टावर उतना ही अधिक लोगों को नुकसान पहुंचाता है। वहां रेडिएशन सबसे अधिक होता है। टावर के 300 मीटर के अंदर आने वाले सभी लोगों को इसका दुष्परिणाम देखने को मिलता है। इन रेंज में आने वाले लोगों में अलग अलग समस्या देखने को मिलती है।
मोबाइल टावर के दुष्परिणाम
मनुष्य के दिमाग में असर करता है – रिपोर्ट के अनुसार जो लोग मोबाइल टावर के आसपास रहते है, उसके संपर्क में अधिक आते है, उन्हें सर दर्द, ट्यूमर, माइग्रेन की समस्या अधिक होती है। कुछ लोगों को भूलने की बीमारी, याददाश्त खो जाना जैसी समस्या ये भी गुजरना पड़ता है।
कैंसर – कुछ लोगों का मानना है कि मोबाइल टावर मानव शरीर में कैंसर के सेल्स बनाने में भी मदद करते है, लेकिन इस पर अभी जांच पड़ताल चल रही है। ये कितना सही है, कितना गलत अभी नहीं कहा जा सकता।
बच्चों पर बुरा असर – मोबाइल टावर विकिरण का बच्चों पर भी बहुत बुरा असर होता है। आँखों में जलन, आँखों से पानी आना, सर दर्द, चिड़चिड़ाहट आदि समस्याएं सामने आती है। बच्चों का इन विकिरण के पास अधिक खतरनाक है, क्यूंकि आगे चलकर ये समस्याएं उनके लिए अधिक मुसीबत बन जाएँगी। बच्चों में ध्यान केंद्रित करने में भी समस्या होती है, जिससे उनकी पढाई पर असर पड़ता है।
जीव जंतु पर असर – मोबाइल टावर मनुष्यों के साथ-साथ पशु पक्षी के लिए भी बहुत खतरनाक है। पक्षी इन मोबाइल टावर से निकलने वाली विकिरण से दूर रहते है, क्यूंकि वो जब इसके संपर्क में आते है, उनकी मृत्यु हो जाती है। आजकल हमारे घर के आस-पास नाम मात्र को चिड़िया या कोई भी अन्य पक्षी देखने को मिलते है, हम खुद ही इस बात के गवाह है। शहरों के बीच में ये मोबाइल टावर खड़े हो रहे है, जिससे पक्षी शहरों में अपना बसेरा छोड़ चुके है, वो ऐसे हिस्सों में रहना पसंद करते है, जहाँ मोबाइल विकिरण न हो। मधुमक्खियों में इसका असर बहुत गहरा दिख रहा है, उनके अंदर प्रजनन की समस्या भी हो रही है।
पेड़ों के लिए नुकसान – कुछ अध्ययन में पाया गया है कि मोबाइल टावर रेडिएशन पेड़ों के लिए भी अच्छी नहीं है। मोबाइल टावर एंटीना के सीधे संपर्क में आने से पेड़ों के ऊपरी हस्से सुख जाते है। उनका विकास उतनी गति से नहीं होता, जितना होना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं पर बुरा असर - इसके विद्युतीय विकिरण का प्रभाव गर्भ पर भी बुरा पड़ता हैं, जिससे भ्रूण कमजोर हो सकता हैं और गर्भपात भी हो सकता हैं।
अन्य समस्या – मनुष्यों में इसकी वजह से अनिंद्रा (नींद न आने की बीमारी), तनाव, चिड़चिड़ाहट होना, पाचन में समस्या, धड़कन बढ़ना, बहरापन, बाँझपन आदि।