अमरूद भारत में मिलने वाला एक साधारण फल है। लगभग अधिकांश घरों या ग्रामीण इलाकों में इसके पेड़ मिल जाते हैं। कुछ पाश्चात्य विद्वानों का कहना है कि इसे अमेरिका से यहाँ पुर्तगीज लोगों द्वारा लाया गया है तथा साथ ही साथ यह भी कहते है कि अमरूद का पेड़ भारतवर्ष के कई स्थानों पर जंगलों में होता है। परंतु सच यह है कि जंगली आम, केला आदि के समान इसकी उपज अत्यन्त प्राचीन काल से हमारे यहाँ होती रही है तथा यह यहाँ का ही मूल फल है।
खाँसी-जुकाम से आराम दिलाता है अमरूद
जुकाम के पुराने रोगी,
जिसका कफ न निकल रहा हो, को एक बड़ा अमरूद बीज निकालकर खिला दें और ऊपर से
ताजा जल रोगी नाक बंद करके पी ले। दो-तीन दिन में ही रुका हुआ जुकाम बहकर
साफ हो जाएगा। दो-तीन दिन बाद अगर स्राव रोकना हो तो 50 ग्राम गुड़ रात्रि
में बिना जल पीए खा लें। यदि सूखी खाँसी हो और कफ न निकलता हो तो, सुबह एक
ताजे अमरूद को तोड़कर, चबा-चबा कर खाने से 2-3 दिन में लाभ होता है।
अमरूद
का भबका यंत्र द्वारा अर्क निकालकर उसमें शहद मिलाकर पीने से भी सूखी
खाँसी में लाभ होता है। एक रिसर्च के अनुसार अमरुद की पत्तियों का सेवन
जुकाम खांसी से आराम दिलाने में सहायक होता है क्योंकि अमरुद में पाये जाने
वाला विटामिन- सी जुकाम और खांसी से शरीर को लड़ने में मदद करता है।
मुँह के रोग और दांत दर्द से आराम
अगर
आपको दाँत में दर्द है तो तो अमरुद की पत्तियों को चबाना आपके लिए
फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि कषाय गुण होने के कारण के दर्द में आराम देती
है और मुख में छाले या घाव है तो उसको भरने में भी मदद करती है। अमरूद के
3-4 पत्तों को चबाने या पत्तों के काढ़े में फिटकरी मिला कर कुल्ला करने से
दांत के दर्द में आराम होता है।
अमरूद के कोमल पत्तों में कत्था
मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं। अमरूद के पत्तों
को पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में नमक मिलाकर मुँह में 4-5
मिनट तक रख कर कुल्ला करने से मुख के घाव, मुखगत रक्तस्राव तथा
मुखदौर्गन्ध्य में लाभ प्राप्त होता है और दाँत स्वस्थ रहते हैं।
सिरदर्द दूर करता है अमरूद
सूर्योदय
से पहले प्रातः कच्चे हरे अमरूद को पत्थर पर घिसकर जहां दर्द होता है,
वहां खूब अच्छी तरह लेप कर देने से सिर दर्द नहीं उठ पाता। अगर दर्द शुरू
हो गया हो तो शांत हो जाता है। यह प्रयोग दिन में तीन-चार बार करना चाहिए।
प्यास बुझाने में मदद करता है अमरूद
अमरूद के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर पानी में डाल दें। कुछ देर बाद इस पानी को पीने से मधुमेह या बहुमूत्रजन्य प्यास में लाभ होता है।
हृदय रोगों से बचाव
अमरूद
का औषधीय गुण पाने के लिए फलों के बीज निकाल कर बारीक-बारीक काटकर शक्कर
मिलाकर, धीमी आंच पर चटनी बनाकर खाने से हृदयविकार तथा कब्ज में लाभ होता
है।
उल्टी रोकने में असरदार है अमरूद
अगर आपको
उल्टियां हो रही हैं तो अमरूद के उपयोग से आप उल्टियां रोक सकते हैं। इसके
लिए अमरूद के पत्तों का काढ़ा 10 मि.ली. पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए करें अमरूद का सेवन
प्रातः
अमरूद को नाश्ते में काली मिर्च, काला नमक तथा अदरख के साथ खाने से
बदहजमी, खट्टी डकारें, पेट फूलना तथा कब्ज का निवारण होकर भूख बढ़ने लगेगी।
दोपहर खाने के समय अमरूद को खाने से आंत के दर्द तथा अतिसार में लाभ होता
है। अमरूद के गुण का लाभ मिलने के लिए सही मात्रा में सेवन करना ज़रूरी
होता है। अमरूद का मुरब्बा कब्जियत को दूर करने का एक अचूक उपाय है। अगर आप
कब्ज से परेशान है तो अमरुद का मुरब्बा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है,
क्योंकि अमरुद में लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो कि कब्ज को दूर करने
में सहायता करता है।
पेट दर्द में लाभकारी है अमरूद
पेट
दर्द यदि आपको एसिडिटी के कारण है और साथ ही पेट में जलन हो रही है तो
अमरुद के पत्ते का काढ़ा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योकि इसमें
क्षरीयता का गुण पाया जाता है जो कि एसिडिटी को शांत कर पेट में आराम देता
है। अमरुद का फल कब्ज के कारण होने वाले पेट दर्द में कब्ज को दूर कर आराम
देता है।