अच्छे खानपान के साथ नियमित जांच भी है जरूरी, मधुमेह रोगी बरतें सावधानियाँ

आज के समय में गलत खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली के चलते व्यक्ति को कई बीमारियाँ घेर लेती हैं। जिसमें से एक बीमारी मधुमेह अर्थात डायबिटीज भी हैं। इस बीमारी से कई लोग परेशान रहते हैं और इसमें इन्हें अपने खानपान पर बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती हैं। लेकिन इसी के साथ ही डायबिटीज में नियमित जांच की भी जरूरत होती हैं, जिससे आपकी बीमारी के बारे में सही जानकारी ली जा सकें। तो आइये जानते हैं मधुमेह रोगियों को किनकी नियमित जांच करानी चाहिए।

* ग्लूकोज की जांच

मधुमेह रोगियों को रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जांच नियमित रुप से करना चाहिए। ग्लूकोज का स्तर बढ़ना रोगी के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही खून की जांच भी मधुमेह रोगियों के लिए जरूरी है इससे पता चलता है कि किडनी ठीक ढंग से काम कर रही हैं या नहीं। मधुमेह में किडनी पर काफी प्रभाव पड़ता है। नियमित जांच से रोगी को किडनी की समस्या से दूर रखता है।

* कोलेस्ट्रोल की जांच

मधुमेह में रोगियों को कोलेस्ट्रोल की जांच जरूर करानी चाहिए क्योंकि मधुमेह रोगियों में कोलेस्ट्रोल बढ़ने पर हृदय रोग का खतरा दुगुना हो जाता है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा खराब कोलेस्ट्रोल (LDLS) को गति को धीमा कर सकती है जिसकी वजह से वह चिपचिपा हो जाता है और यही कारण है जिससे कोलेस्ट्रोल तेजी से बनने लगता है। बैड कोलेस्ट्रोल रक्त की धमनियों में जम जाता है और हृदय से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है।

* ब्लड प्रेशर की जांच

हाई ब्लड प्रेशर ‘साइलेंट किलर’ के समान है। मधुमेह रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर काफी घातक साबित हो सकता है। मधुमेह में हाई ब्लड प्रेशर होने से हृदय रोग, हृदयघात, किडनी व आंखों की समस्या भी हो सकती है। इन सबसे बचने के लिए जरूरी है कि आप ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।

* पैरों की जांच

मधुमेह में रोगियों को पैरों की समस्या हो सकती है। मधुमेह में पैरों की कोई भी समस्या होने पर इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इसमें पैरों की संवेदनशीलता धीरे धीरे कम होने लगती है। इसलिए पैरों में लगने वाली छोटी से छोटी चोट, संक्रमण रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती है।

* आंखों की जांच

जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहता है तो इसका सीधी असर रेटिना पर पड़ता है। इसे रेटिनोपेथी कहते हैं। आंखों को होने वाले नुकसान आसानी से नहीं पता चलता है इसके लिए रोगी को नियमित जांच करना जरूरी है। अगर रेटिनोपेथी का ज्लद इलाज नहीं किया गया तो रोगी अंधा भी हो सकता है। कई बार मधुमेह रोगी को धुंधला दिखाई देता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें।