क्या कोरोनाकाल में आप भी हो रहे हैं अवसाद का शिकार, रखें इन 5 चीजों का ख्याल

इस वर्ष की शुरुआत से ही कोरोना का कहर जारी हैं जिसके परिमाणस्वरुप लोग स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक रूप से भी परेशान है। कोरोना ने लोगों की जीवनशैली को पूरी तरह से बदल कर रख दिया हैं। लोगों में कोरोना का भय ऐसा व्याप्त हो चुका हैं कि इसका बुरा असर उनके मन और स्वभाव पर पड़ने लगा हैं। कोरोना के अवसाद के चलते लोग चिडचिडे होने लगे हैं और परिवार से दूर होने लगे हैं। यह अवसाद बढ़कर बड़ी समस्या बन सकता हैं। जरूरी हैं कि इस अवसाद को दूर करने के लिए प्रयास किए जाए। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ बातों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनका ध्यान रख कोरोनाकाल के इस अवसाद से बाहर आया जा सकता हैं।

नकारात्मक लोगों से दूरी बनाएं

यदि आपको कोई बात साल रही है तो कभी भी उसे किसी नकारात्मक व्यक्ति से साझा न करें। नकारात्मक व्यक्ति उस बात को राई का पहाड़ बना देगा। फिर आप उस विषय में और भी अधिक सोचेंगे और वह आपका सिर दर्द बन जाएगी। जो लोग कोरोना से जुड़ी नकारात्मक बातें, डर और चिंता वाली बातें अधिक करते हों, उनसे दूरी बनाना बहुत जरूरी है नहीं तो आप अवसाद से बाहर नहीं निकल पाएंगे।

श्वसन क्रिया

सांस तो सभी ले रहे हैं लेकिन अवसाद की इस स्थिति में आपको इसका अभ्यास अलग तरह से करना होगा। आंख बंद करके शांत जगह पर बैठें, हल्का और मधुर संगीत चलाएं, अब अपनी लंबी गहरी सांस लें, थोड़ी देर रूकें और फिर उसे धीरे- धीरे छोड़ें। ऐसा 15 से 20 बार करें। थोड़ी ही देर में आप खुद अंतर देख पाएंगे।

मन न हो तब भी करें

यदि आपने कोरोना के विषय में या भविष्य को लेकर बहुत अधिक सोच लिया है तब तो आप अवसाद की रेखा पर पहुंच ही गए हैं। ऐसे में यदि आप मनोध्यान को भटकाने का प्रयत्न करेंगे, तब भी कुछ नहीं होगा। लेकिन कोशिश आपको करना होगी। ऐसे समय में आपको कोई प्रेरणादायी किताब पढ़ना या लयबद्ध संगीत सुनना चाहिए। शुरू में ये थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन कुछ ही देर में आप बेहतर महसूस करने लगेंगे।

छोटे बच्चों के साथ खेलें

यदि आपके आस-पास कोई छोटे बच्चे हैं तो अवसाद की इस स्थिति में उनके पास जरूर जाएं। उनके साथ थोड़ी देर खेलने, उनसे बात करने या सिर्फ उन्हें थोड़ी देर के लिए देखनेभर से आपका चित्त शांत हो जाएगा और सिर का भारीपन भी ठीक होने लगेगा। छोटे बच्चे आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देंगे।

व्यस्त रहें

जब भी ऐसा लग रहा है कि मन कुछ ठीक नहीं है और वजह भी पता नहीं है तो बिल्कुल भी खाली न बैठें क्योंकि यदि आप खाली बैठे तो दिमाग बहुत सारी अप्रासंगिक बातें सोचने लगेगा। लेकिन यदि आप व्यस्त रहते हैं तो दिमाग को अपनी सारी ऊर्जा उस काम पर केंद्रित करना होगी। ऐसे में विचारों के पहाड़ आपके दिमाग में नहीं बनेंगे और आपकी मानसिक सेहत स्थिर रहेगी।