प्रेगनेंसी का समय किसी भी महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं जिसमें उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के सामने कई हैल्थ प्रॉब्लम्स आती हैं जिनसे बचाव करना बहुत जरूरी हैं अन्यथा इन इनका असर लंबे समय तक रह सकता हैं जो कि आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं हैं। आज इस कड़ी में हम प्रेगनेंसी में होने वाली कुछ कॉमन प्रॉब्लम्स और इनसे बचाव के लिए आजमाए जाने वाले टिप्स की जानकारी देने जा रहे हैं।
यूटीआईशरीर में प्रोजेस्ट्रेरोन की मात्रा बढ़ने की वजह से महिलाओं को इस समय यूटीआई इंफेक्शन का खतरा भी रहता है, जिससे किडनी इंफेक्शन का खतरा रहता है। तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन और सही डाइट लें। जंक फूड, स्ट्रीट फूड खाने से परहेज करें और गंदे टॉयलेट का यूज ना करें।
डायबिटीज
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ जाती है, जिसके कारण नवजात बच्चे में कुछ जन्मजात बीमारियां का खतरा रहता है। बचाव के लिए जो स्त्रियां पहले से ही डायबिटीक मरीज है वो आलू, चावल, जंक फूड, मीठी चीजों से दूर रहें और हर 3 महीने में OGTT (ओरल ग्लूकोस टोलरेंस टेस्ट) करवाएं। इसके साथ ही डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर दवाइयां या इंसुलिन इंजेक्शन की सलाह भी देते हैं।
प्री-एक्लेमप्सिया
शुरुआत के 20वें हफ्ते में कुछ महिलाओं का बीपी बढ़ने लगता है, जिसके कारण यूरिन के रास्ते प्रोटीन निकल जाता है। इसे प्री-एक्लेमप्सिया कहा जाता है, जो काफी गंभीर स्थिति है। इसके कारण चेहरे पर सूजन, पैरों में दर्द, ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत और शिशु के विकास में बाधा आने लगती है। ऐसे में महिलाएं रेगुलर चेकअप करवाती रहें और कोई भी दिक्कत आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
पैर और कमर में दर्द
प्रेगनेंसी में होने वाला पैर, कमर, रीढ़ की हड्डी, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और खिंचाव के कारण उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है। इसके बचने के लिए ज्यादा आराम करें और भारी सामान उठाने से बचें। इसके साथ ही सोने की पोजिशन भी सही रखे।
एनीमियाएनीमिया यानि शरीर में खून की कमी होने से ना सिर्फ बच्चे के विकास में बाधा आती है बल्कि यह गर्भपात का कारण भी बन सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप डाइट में अनार, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंजीर, खजूर जैसे आयरन युक्त चीजें खाएं, ताकि शरीर में खून की कमी ना हो।