हमारा शरीर जॉइंट्स की बदौलत ही रहता गतिशील, हेल्दी बनाने को लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

शरीर को गतिशील बनाए रखने के लिए जॉइंट्स बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इनकी बदौलत ही आप चलने, दौड़ने, कूदने में सक्षम होते हैं। सामान्य रूप से कहें तो आप अपने शरीर के अंगों को जो आसानी से घुमा पाते हैं वह इनकी ही वजह से संभव हो पाता है। ऐसे में आपको जॉइंट्स की सेहत की बिल्कुल भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उन्हें हेल्दी बनाना चाहिए। अगर आप अपने जॉइंट्स को हेल्दी और मज़बूत बनाने की सोच रहे हैं, तो अपनी लाइफ़स्टाइल में यह छोटे-छोटे और ज़रूरी बदलाव लाएं।


अच्छी और सही डाइट लें

हड्डियों को मज़बूत रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खानपान लें। डेयरी प्रॉडक्ट्स कैल्शियम से भरपूर होते हैं, इनके अलावा हरी, पत्तेदार सब्ज़ियां भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। जॉइंट्स के ल्यूब्रिकेंट्स को बनाए रखने के लिए गुड फ़ैट लें। इसके लिए आप सैल्मन और ट्यूना जैसी फ़ैटी फ़िश, बादाम, अखरोट, फ़्लैक्सीड्स और चिया सीड्स जैसे नट्स व सीड्स और फ्रूट में एवोकाडो और ऑलिव ऑयल की तरफ़ मुड़ें। इसके अलावा आप अपनी डाइट में बोन ब्रॉथ, साबुत अनाज, रूट्स वेजीटेबल, अलग-अलग फल, बीन्स और दालों को शामिल करें।

विटामिन डी वाले आहार

बिना विटामिन डी लिए शरीर कैल्शियम को नहीं सोखता। इसलिए अंडे और सूरज की धूप जरूर सेकें।


एक हेल्दी वेट मेंटेन करें

अगर आपका वज़न अधिक है, तो अतिरिक्त वज़न का भार कूल्हों, घुटनों और टखनों के जोड़ों पर ही पड़ता है। आप अपने वज़न को कम करके और सही वेट मेंटेन करके इन जोड़ों को दबाव मुक्त कर सकते हैं। इससे जोड़ों को नुक़सान नहीं पहुंचेगा।

एक्सरसाइज़ करें

एक आलसी और गतिहीन जीवन शैली आपके जॉइंट्स पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए इन्हें किसी भी तरह के नुक़सान से बचाने और मज़बूत व स्वस्थ बनाए रखने के लिए गतिशील रहें। चलते रहें।


धूम्रपान बंद करें

ज्यादा धूम्रपान करने से विटामिन डी और कैल्शियम का अवशोषण अच्छी प्रकार से नहीं हो पाता। इसलिए ज्यादातर स्मोकर्स की हड्डियां कमजोर ही होती हैं।

पोजिशन बदलते रहें

लंबे समय तक एक ही पोजिशन में ना तो बैठे रहें और ना ही खडे़ रहें। बीच-बीच में अपनी पोजिशन बदलते रहें।

सही प्रकार के जूते पहने

गलत ढंग के जूते पहनने से जोड़ आपस में घिसते जाते हैं। इसलिए हाई हील ना पहनकर सही फिटिंग वाले जूते पहनें।


इन बातों को ध्यान में रखें :—

- लंबे समय तक एक ही स्थिति में नहीं बैठें। जब भी टाइम मिले, ज़रूर चलें।

- वॉकिंग, साइकिलिंग, स्विमिंग और स्ट्रेचिंग जैसी लो इम्पैक्ट एक्सरसाइज़ करें।

- वॉकिंग और रनिंग जैसी वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज़ के अलावा अपने वर्कआउट में रूटीन स्ट्रेंथ ट्रेंनिंग भी ऐड करें।

- जॉइंट्स को नुक़सान नहीं पहुंचे इसलिए एक्सरसाइज़ करते समय प्रोटेक्टिव गियर पहनें।

- पहली बार या लंबे अंतराल के बाद एक्सरसाइज़ शुरू करने जा रहे हैं, तो धीमी शुरुआत करें।

- जॉइंट्स को अतिरिक्त दबाव से बचाने के लिए और आसपास के लिगामेंट्स को किसी तरह की चोट नहीं पहुंचे, एक्सरसाइज़ करते समय हमेशा पॉश्चर सही रखें। कोई एक्सरसाइज़ करते समय उसी पर ध्यान दें और वज़न उठाते समय अधिक सावधानी बरतें।