बच्चों को दस्त लगना बढ़ाता हैं पेरेंट्स की चिंता, इन घरेलू नुस्खों से मिलेगा उन्हें आराम

शिशु या बच्चों का शरीर बेहद संवेदनशील होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से वे संक्रमण की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। खासतौर से मौसम में बदलाव आने पर बच्चों में सर्दी-जुकाम के साथ दस्त की समस्या भी होने लगती हैं। दस्त में विषाक्त पदार्थ व बैक्टीरिया पाचन प्रणाली से बाहर निकलते है। नवजात शिशुओं का मल पतला ही निकलता है, लेकिन दस्त के दौरान यह पानी की तरह निकले लगता है। अगर शिशु के शरीर में पानी की कमी हो जाएं, तो उसके दस्त गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं। ऐसे में बच्चों को दस्त लगना पेरेंट्स की चिंता का कारण बन जाते हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं जो नवजात शिशु का दस्त से बचाव करेंगे। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...


सौंफ और अदरक

सौंफ और अदरक पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं। ये शिशु और गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित हैं। आप एक कप गर्म पानी में 20 मिनट के लिए बारिक कटा हुआ आधा चम्मच अदरक व सौंफ क्रश करके डालें और बच्चे को पिलाएं।

नमक चीनी का पानी

दस्त के दौरान बच्चे के शरीर से अत्यधिक तरल निकल जाता है। इसकी आपूर्ति के लिए आप घर में नमक-चीनी का ओआरएस घोल बना सकते हैं और बच्चे को पिला सकते हैं। इसके लिए आप एक लीटर पानी में 8 चम्मच चीनी और एक चम्मच नमक मिला लें और बच्चे को थोड़ा-थोड़ा पिलाते रहें।

केला

केले में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो मल को सख्त करने में मदद करता है। दस्त के दौरान शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है जिसे केला पूरी करता है। आप शिशु को केले की प्यूरी बनाकर खिला सकती हैं। बच्चों को केला भी खिला सकती हैं। छह महीने के बच्चे के लिए दस्त का घरेलू उपाय केला है।

दही और जीरा

दही एक प्रोबायोटिक फूड होता है। यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही मे गुड बैक्टीरिया होते है जिससे दस्त जैसी समस्या से जल्दी निजात पा लिया जाता है। शिशु को दस्त लगने पर उसे दही में भुने जीरे का पाउडर डाल कर देना चाहिए। इससे शिशु का दस्त बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा। जीरा एंटीइन्फ्लामेटरी एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे गुणों से भरपूर मसाला है। दही के साथ जीरा शिशु के दस्त को ठीक करने में मददगार होता है।

चावल का पानी

बच्चे में दस्त को रोकने के लिए आप चावल का पानी इस्तेमाल कर सकते हैं। चावल का पानी एक कारगर इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन के विकल्प के रूप में काम कर सकता है। एक शोध में चावल का पानी ओरल इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन से बेहतर पाया गया है।

मसूर की दाल का सूप

बच्चों ही नहीं बड़ों को भी दस्त लगने पर मसूर दाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। शिशुओं में दस्त की समस्या होने पर उनकी शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा काफी कम हो जाती है। इसलिए उनकी शरीर में तरल पदार्थों का पहुंचना जरूरी होता है। मसूर की दाल का पानी या फिर उसका सूप पीने से आपके शिशु के दस्त की समस्या जल्दी ठीक होती है। इसके लिए आप दाल में पानी डालें और सूप की तरह उसे उबालें। उबलने के बाद आपकी दाल नीचे बैठ जाएगी। अब सूप के तौर पर बच्चे को दाल के उपर का पानी पिलाएं। इससे उसकी समस्या जल्दी ठीक होगी।

जायफल

शिशु को जायफल का सेवन करवाने से दस्त से छुटकारा दिला सकते है। कुछ शोध में जायफल को बहुत अच्छा घरेलू उपचार कहा गया है। इसका उपयोग करने के लिए जायफल को घिसकर चूर्ण तैयार कर ले और बच्चे को पानी में मिलाकर पीला दे। इसके अलावा सेब को उबालकर प्यूरी बनाकर उसमे जायफल का चूर्ण बनाकर दे, इस प्रकिया को करने से शिशु की दस्त की समस्या ठीक हो जाएगी। अगर आपके बच्चे को एलर्जी की समस्या हो रही है, तो चिकिस्तक से संपर्क करें।

नारियल पानी

नारियल पानी न्यूट्रीएंट्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। यह शिशु को हाइड्रेट करता है। यही नहीं इसका सेवन आपके शिशु के पतले मल को मोटा और कठोर भी बनाता है। नारियल पानी का फाइबर कॉन्टेंट शिशु के दस्त को जल्द ही ठीक करता है। साथ ही नारियल पानी शिशु के इम्यून सिस्टम को शक्तिशाली भी बनता है। यह यह एक प्राकृतिक टॉनिक के रूप में काम करता है। नारियल पानी शिशु को दस्त ठीक होने के बाद भी दिया का सकता है। इससे शिशु के शरीर में एनर्जी आती है। अगर आपके शिशु को दस्त है तो उसे नारियल पानी जरूर पिलाएं। यह उनके लिए काफी फायदेमंद होता है।