डायबिटीज की यह दवा कर सकती हैं कोरोना से मौत का खतरा कम, शोध में हुआ खुलासा

कोरोना का कहर थमने के नाम ही नहीं ले रहा हैं। पूरी दुनिया में हर दिन करोड़ों लोग नए संक्रमित हो रहे हैं। यह आंकड़ा आज 10 करोड़ के पास पहुंच सकता हैं। हांलाकि ठीक होने वाले लोगों की तादाद भी बहुत हैं। लेकिन अब तक वायरस के संक्रमण से 21 लाख से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जो चिंता बढ़ाने वाली बात हैं। इस आंकड़े पर नियंत्रण लगाने के लिए लगातार रिसर्च की जा रही हैं। ऐसे में एक शोध की रिपोर्ट सामने आई हैं जिसमें यह दावा किया गया है कि मेटफॉर्मिन दवा लेने वाले डायबिटीज के मरीजों को कोविड-19 से मौत का खतरा कम होता है।

इस अध्ययन को 'फ्रंटियर्स इन एंडोक्रिनोलॉजी' नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया है कि मेटफॉर्मिन दवा के साथ इलाज करा रहे मधुमेह से पीड़ित लोगों को दवा नहीं लेने वाले लोगों की तुलना में कोविड-19 की वजह से मौत का खतरा काफी कम होता है

इससे पहले चीन के वुहान में भी डॉक्टरों ने मेटफॉर्मिन दवा पर शोध किया था और उनका कहना था कि यह दवाई कोरोना के इलाज में कारगर पाई गई है। उनका भी यही कहना था कि डायबिटीज के मरीज, जो कोरोना से संक्रमित थे और मेटफॉर्मिन दवा ले रहे थे, उनकी मौत की दर इस दवाई को नहीं लेने वाले डायबिटीज मरीजों की तुलना में काफी कम थी। शोधकर्ताओं ने इससे संबंधित आंकड़े भी पेश किए थे, जिसका मुताबिक मेटफॉर्मिन दवा नहीं लेने वाले 22 डायबिटीज मरीजों की कोरोना से मौत हुई थी, जबकि यह दवाई लेने वाले सिर्फ तीन मरीजों की।

पिछले साल जून-जुलाई के आसपास अमेरिका के मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी करीब छह हजार मरीजों पर मेटफॉर्मिन दवा को आजमाया था। उनका भी कहना था कि यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत के खतरे को कम कर सकती है।

यह बहुत पुरानी दवा है, जिसका इस्तेमाल 1950 के दशक से ही किया जा रहा है। यह दवा टाइप-2 डायबिटीज (मधुमेह) के इलाज में काम आती है। अंग्रेजी अखबार द सन के मुताबिक, ब्रिटेन की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था नेशनल हेल्थ सर्विस बहुत पहले से ही इस दवा का इस्तेमाल कर रही है।