बड़ी चुनौती / कोरोना का नया रूप आया सामने, ठीक होकर लौटे मरीजों में अब दिखा ये असर

कोरोना वायरस को लेकर चीन ने दावा किया है कि वह घातक कोरोना पर काबू पाने में कामयाब रहा है और इसके यहां मृतकों की संख्या अमेरिका और कई यूरोपीय देशों से कम हैं। लेकिन इन दावों के बीच चीन में कोरोना का नया रूप देखने को मिला है जिसकी वजह से लोगों में डर बैठ गया है। दरअसल, यहां ठीक हुए मरीजों में 2 महीने बाद भी कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है। वुहान के एक डॉक्टर का कहना है कि चीन में अब ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जहां कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी लोगों के टेस्ट पॉजिटिव हैं और इनमें इस वायरस के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

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डॉक्टर का कहना है कि ऐसे मामलों को ठीक करना उनके लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि देश कोरोना के एक नए रूप से लड़ रहा है। डॉक्टर ने बताया कि जिन मरीजों के टेस्ट निगेटिव आए, ठीक होने के कुछ दिनों बाद वो टेस्ट में फिर से पॉजिटिव आ गए। इनमें से कुछ मरीज 50-60 तो कुछ 70 दिनों के बाद टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि ये नए मरीज कितने संक्रामक हैं। वुहान में डॉक्टर इन्हें लंबे समय तक आइसोलेशन में रखना चाहते हैं। Jinyintan Hospital के अध्यक्ष झांग डिंग्यू का कहना है कि यह आइसोलेशन तब तक जारी रहेगा जब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो जाती कि यह मरीज संक्रामक हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह जनता की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।

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वुहान के झोंगानन अस्पताल के उपाध्यक्ष युआन यूफेंग ने Reuters को बताया कि उन्हें एक ऐसे मामले की जानकारी है, जिसमें लगभग 70 दिन पहले वायरस का पता चलने के बाद भी वो मरीज टेस्ट में लगातार पॉजिटिव आता रहा। युआन यूफेंग ने कहा, 'हमने सार्स बीमारी के समय भी ऐसा कुछ नहीं देखा था।' 2003 में सार्स की वजह से सबसे ज्यादा चीन के लोग ही संक्रमित हुए थे।

हालाकि, चीन ने इस तरह की श्रेणी के मरीजों के अब तक सटीक आंकड़े जारी नहीं किए हैं लेकिन चीन के कुछ अस्पतालों ने Reuters को बताया कि ऐसे कम से कम दर्जनों मामले आ चुके हैं।

आपको बता दे, लोगों का बार-बार कोरोना पॉजिटिव और संक्रामक होना पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है क्योंकि आर्थिक नुकसान देखते हुए कई देश अब लॉकडाउन खोलने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अब तक कोरोना के नए मरीजों से दूसरे लोगों के संक्रमित होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है।

WHO की चेतावनी / हमारे बीच लंबे वक्त तक बना रहेगा कोरोना, कोई भी देश गलती न करें

WHO की चेतावनी

वहीं, कोरोना वायरस को लेकर WHO ने दुनिया को चेताया है। WHO ने कहा कि कोई भी देश गलती न करें और अलर्ट रहें क्योंकि यह वायरस हमारे बीच लंबे समय तक बना रहेगा। संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधानोम गेब्रेसस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जिन देशों को लग रहा है कि उन्होंने कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है, वहां मामले दोबारा बढ़ रहे हैं। अफ्रीका और अमेरिका में संक्रमण के बढ़ते मामले हमारे लिए चेतावनी है। डॉ. टेड्रोस ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सही वक्त पर 30 जनवरी को वैश्विक आपातकाल (ग्लोबल इमरजेंसी) की घोषणा की थी। ताकि दुनिया के सभी देश कोरोना महामारी के खिलाफ योजना बना सकें और तैयारी करें। डॉ. टेड्रोस ने कहा कि पश्चिमी यूरोप में यह महामारी अब स्थिर हुई है तो कहीं घटती नजर आती है। लेकिन यहां भी मामले बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सलाह है कि कोई गलती न करें। हमारी लड़ाई लंबी है, क्योंकि यह वायरस हमारे साथ लंबे वक्त रहेगा।

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अधिकारी गुओ यानहोंग ने कहा, 'कोरोना वायरस एक नए तरीके का वायरस है। इसके बारे में अभी जितनी भी जानकारी मिली है वो बहुत कम है।' वहीं चीन के डॉक्टर और विशेषज्ञ यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वायरस इन लोगों में अलग-अलग तरीकों से क्यों वापस आ रहा है।

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