भूख बढ़ाने और सुदृढ़ पाचन पर धनिया का रहता है विशेष जोर, ये हैं इस्तेमाल करने के तरीके

धनिया एक मसाला होने के साथ-साथ एक औषधि भी है। सम्पूर्ण भारत में हर घर में धनिये के सूखे फलों का प्रयोग मसाले के तौर पर किया जाता है। धनिया का इस्तेमाल कर भोजन से अरुचि, पाचनतंत्र रोग, मूत्र विकार के साथ-साथ, वात-पित्त-कफज विकार में भी लाभ लिया जा सकता है। गीला धनिया विशेषतः पित्तशामक होता है।

अत्यधिक प्यास लगने पर धनिया के सेवन से लाभ

- अधिक प्यास लगती है, तो धनिया के पानी में मधु, और मिश्री मिलाकर पीने से पित्त के कारण लगने वाली प्यास मिटती है।

- इसी तरह, 175 ग्राम धनिया के पेस्ट को, 1 लीटर पानी में मिला लें। इसे रात भर छोड़ कर सुबह छान लें। इसमें 100 ग्राम मिश्री, तथा 100 ग्राम मधु मिला लें। इसे 10-15 मिली की मात्रा में पीने से लाभ होता है। हरा धनिया के फायदे इस बीमारी में बहुत काम आता है।

- इसके अलावा, 10-20 मिली धनिए के काढ़ा में चीनी मिलाकर पीने से प्यास, और जलन शांत होती है।

- बराबर-बराबर मात्रा में धनिया आंवला, वासा, मुनक्का तथा पित्तपापड़ा लें। इनका चूर्ण बना लें। 25 ग्राम चूर्ण को 200 मिली पानी में रात भर भिगो दें। इसे सुबह-शाम छानकर, मिश्री मिला लें। इसे पीने से प्यास मिटती है, और मुंह के सूखने की परेशानी में लाभ होता है।


खांसी से आराम पाने के लिए धनिया का प्रयोग

अदरक का रस 10 मिली, गुड़ 10 ग्राम, धनिया 5 ग्राम, अजवायन 5 ग्राम लें। इनके साथ ही, काला जीरा 5 ग्राम, दालचीनी 5 ग्राम, इलायची तथा मोथा 5-5 ग्राम लें। इनका गाढ़ा काढ़ा बना लें। काढ़ा की 2-4 ग्राम की मात्रा सेवन करें। इससे खांसी, बुखार, बवासीर, टीबी आदि बीमारी में लाभ होता है।

बच्चों की खांसी में धनिया के फायदे

बच्चों को खांसी होने पर चावलों के पानी में, 10-20 ग्राम धनिया को घोंट लें। इसमें चीनी मिलाकर सुबह, दोपहर तथा शाम को पिलाना है। इससे बच्चों की खांसी और दमे में लाभ होता है।


धनिया का सेवन भूख बढ़ाने के लिए

रात भर पानी से भिगोए हुए धनिया के बीजों को छिलका रहित होने तक अच्छी तरह धो लें। इन बीजों को सुखाकर भून लें। इसमें मिर्च, हल्दी, सेंधा नमक तथा नींबू के रस को मिला लें। इसे थोड़ी मात्रा में लेकर चबाने से भूख बढ़ती है। धनिया से बने काढ़ा का सेवन करने से आंतों के रोग में लाभ मिलता है। धनिया के सूखे फलों से बने काढ़ा का सेवन करने से पित्तज-विकार, कंठ की जलन, उल्टी में लाभ मिलता है।

धनिया के प्रयोग से ठीक होती है पाचन-शक्ति

- धनिया से बने काढ़ा में दूध एवं चीनी मिला लें। इसे पीने से पाचनतंत्र के विकार में फायदा होता है।
- धनिया, लौंग, सोंठ तथा निशोथ को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसे गर्म पानी के साथ 2-2 ग्राम, सुबह-शाम सेवन करें। इससे पाचन-शक्ति ठीक रहती है।

- धनिया, तथा सोंठ से बने 20 मिली काढ़ा में एरंड मूल का चूर्ण (1 ग्राम) मिला लें। इसे दिन में दो बार पिलाने से भोजन ठीक से पचता है।

- बराबर-बराबर मात्रा में धनिया और सोंठ का काढ़ा बना लें। इसे 20-30 मिली मात्रा में सुबह-शाम पीने से पाचन-शक्ति बढ़ जाती है।


धनिया के फायदे पेट की गैस में

पेट में गैस होने पर 10-15 मिली धनिया तेल का सेवन करने से आराम मिलता है। धनिया, और सोंठ का काढ़ा पीने से पेट दर्द और अपच ठीक होते हैं।

धनिया के फायदे पेट दर्द में

- पेट दर्द में 2 ग्राम धनिया चूर्ण को, 5 ग्राम मिश्री के साथ मिला लें। इसे दिन में दो-तीन बार देने से गर्मी से होने वाले पेट दर्द में लाभ होता है।

- 5 ग्राम धनिया को 100 मिली पानी में रात में भिगो लें। इसे सुबह मसलकर, छानकर रखें। इस पानी को बच्चों को पिलाने से पेट दर्द में लाभ होता है।

- 10-20 मिली धनिया के जूस को 10 मिली सिरके में मिलाकर लगाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।