पहले के समय में देखा जाता था कि एक उम्र के बाद डायबिटीज की बीमारी अपना शिकार बनाने लगती हैं थी लेकिन आजकल यह युवाओं में भी साफ देखी जा सकती हैं। अनियमित जीवनशैली और खानपान की वजह से इस बीमारी ने अपने पैर पसार लिए हैं जो कि अब खतरे की घंटी बनती हुई नजर आ रही हैं। ऐसे में डायबिटीज से जुड़े कुछ झूठ भी फैले हुए हैं जो मरीज के लिए परेशानी भी बन सकते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए डायबिटीज से जुड़े इन झूठ का सच सामने लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
- अक्सर डायबिटीज को लेकर कहा जाता है कि यह आनुवंशिक बीमारी है और इसी वजह से होती है। जबकि ऐसा नहीं है। डायबिटीज आनुवंशिक बीमारी है लेकिन अगर जीवनशैली और खानपान की अनियितता रहती है तो यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। तनाव की वजह से भी डायबिटीज की बीमारी होती है।
- अक्सर लोग सोचते हैं कि डायबिटीज में कोई भी फल खाया जा सकता है, जबकि यह सच नहीं है। डायबिटीज में ऐसे फल खाए जाते हैं जिनमें शुगर की मात्रा कम हो। फलों में प्राकृतिक तौर पर शर्करा मौजूद रहती है। ऐसे में कई फल ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देते हैं। इसलिए, डायबिटीज में ऐसे ही फल खाएं जो आपके रक्त शर्करा को न बढ़ाए।
- अक्सर आपने सुना होगा कि डायबिटीज के मरीजों को मीठा नहीं खाना चाहिए। जबकि असल सच्चाई यह है कि डायबिटीज में हमेशा मरीज को संतुलित आहार लेना चाहिए। इसमें मीठा भी शामिल हो सकता है, लेकिन वो रिफाइंड शुगर (परिष्कृत चीनी) हो। आपने देखा भी होगा कि डायबिटीज के मरीजों के लिए अलग से शुगर आती है, जो कि परिष्कृत होती है। दरअसल डायबिटीज में मीठा खाने से ब्लड शुगर अनियंत्रित हो जाता है, ऐसे में हर चीज बेहद संतुलित मात्रा में लेनी जरूरी है।
- डायबिटीज को लेकर यह भी कहा जाता है कि मधुमेह सिर्फ मोटे लोगों को होता है जबकि यह सच नहीं है। डायबिटीज किसी को भी हो सकता है। यह जीवनशैली से जुड़ी हुई बीमारी है और जिसकी जीवनशैली अनियमित होगी उसको डायबिटीज सबसे पहले अपनी चपेट में लेगा। डायबिटीज को लेकर यह भी कहा जाता है कि कार्बोहाइड्रेड वाला आहार न लें जबकि ऐसा नहीं है, आपको बस स्वस्थ कार्बोहाइड्रेड वाला आहार लेना होता है।