सामान्य समय की तरह ही प्रेगनेंसी के दौरान भी शरीर में सभी पोषक तत्वों की सही मात्रा होना जरूरी है। इसके लिए गर्भवतियों को कई तरह के खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है, जिनमें से एक काजू भी है। वैसे तो काजू पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, लेकिन गर्भवतियों के मन में यह डर बना रहता है कि कहीं इसके सेवन से उनके होने वाले शिशु को कुछ नुकसान न हो जाए। प्रेगनेंसी के लिए प्रोटीन, एनर्जी, कैल्शियम, आयरन, फोलेट समेत कई न्यूट्रिएंट्स आवश्यक होते हैं ये सारे जरूरी तत्व काजू में पाए जाते हैं। ऐसे में प्रेगनेंसी में काजू को फायदेमंद माना जा सकता है । बस ध्यान दें कि कुछ लोगों को काजू से एलर्जी भी हो सकती है, इसलिए इसका सेवन ध्यान से करें।
आपको कब्ज से बचाता हैप्रेग्नेंसी में कब्ज जैसी समस्याएं बहुत आम होती है क्योंकि आपके हार्मोन्स इस समय बहुत धीमे रहते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप काजू का सेवन कर सकती हैं क्योंकि इसमें फाइबर मौजूद रहता है जो आपके स्टूल को सॉफ्ट करने में काफी मदद करता है।
थकान और एनीमिया से बचाता हैकाजू में आयरन की अच्छी खासी मात्रा मौजूद होती है जो आपके शरीर में रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ाती है और साथ ही आपकी थकान दूर करने में भी लाभदायक होती है। कम खून से होने वाली कुछ बीमारियां जैसे एनीमिया आदि से भी आप बची रहती हैं।
ब्लड क्लॉटिंग के रिस्क से बचाता हैब्लड क्लॉटिंग एक बहुत ही भयानक स्थिति हो सकती है और काजू में विटामिन K मौजूद होता है। जिसकी वजह से प्रेगनेंट महिलाओं में ब्लड क्लॉट होने का रिस्क काफी कम हो सकता है। बच्चे को ब्लीडिंग डिसऑर्डर से बचाने के लिए भी काजू लाभदायक रहते हैं।
आयरन के लिएआयरन युक्त खाद्य पदार्थ में काजू का नाम भी शामिल है। रिसर्च बताती हैं कि 100 ग्राम काजू में 4.5 से 7.1 मिली ग्राम तक आयरन हो सकता है । यह आयरन गर्भावस्था के लिए काफी जरूरी होता है।
रक्तचाप नियंत्रण के लिएप्रेगनेंसी में काजू खाने के फायदे में रक्तचाप को नियंत्रित करना भी शामिल हो सकता है। इससे संबंधित एक रिसर्च पेपर में बताया गया है यह ब्लड प्रेशर की दोनों संख्या यानी सिस्टोलिक और डाइस्लोटिक रक्तचाप को कम कर सकता है। ऐसा करके यह गर्भवतियों को हृदय रोग के जोखिम से भी बचा सकता है।
कोलेस्ट्रॉलकोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी काजू फायदेमंद साबित हो सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि नट्स में मौजूद फाइटोस्टेरॉल्स कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण में हस्तक्षेप करके आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। 67 ग्राम नट्स का सेवन रोजाना करने से टोटल और एलडीएल यानी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है ।
मांसपेशियों के लिएगर्भावस्था के समय मांसपेशियों संबंधी परेशानी से बचाए रखने में भी काजू मदद कर सकता है। यह मांसपेशियों की बेहतर कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करता है। साथ ही हड्डियों को भी मजबूत करने में सहायक हो सकता है । इस पोषक तत्व की मात्रा काजू में अच्छी होती है । इसी आधार पर कहा जा सकता है कि काजू का सेवन करना गर्भावस्था के दौरान मां और गर्भस्थ शिशु दोनों की मांसपेशियों के लिए अच्छा हो सकता है।