कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है डायबिटीज का खतरा, जानें किस तरह करें इसे नियंत्रित

वर्तमान समय का खानपान व्यक्ति को बिमार बनाता जा रहा हैं। आजकल के फास्टफूड और व्यर्थ के आहार के सेवन की वजह से व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल अनियंत्रित होकर बढ़ने लगा हैं जो कि मोटापे और डायबिटीज का कारण बनता है। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जाए और बिमारियों से बचा जाए। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए है जिनकी मदद से आप कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर पाएंगे। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में।

घुलनशील फाइबर
साबुत अनाज व दालों में मसूर दाल, मूंग दाल, जौ, चना का सेवन करना चाहिए। साबुत अनाज और हरी सब्जियों में पाये जाने वाले घुलनशील फाइबर का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियमित करता है। घुलनशील फाइबर के लिए फलियों वाली सब्जी जैसे मटर, सेम का सेवन करना चाहिए।

नियमित व्यायाम जरूरी
वर्कआउट और व्यायाम से मोटापा कम होता है और डायबिटीज का खतरा भी कम होता है। शरीर की फिटनेस के लिए व्यायाम जितना जरूरी है उतना ही कोलेस्ट्रॉल को नियमित करने के लिए। नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने से एलडीएल का स्तर कम होता है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।

संतुलित आहार लें

इससे शरीर का गुड कोलेस्ट्राल बेहतर होने के साथ बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। हेल्दी लाइफ के लिए संतुलित आहार जरूरी होता है। बैलेंस डाइट लेने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बेहतर रहता है। ट्रांस फैट, धूम्रपान, प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें। एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं और संतुलित आहार लें।

ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन
ओमेगा 3 फैटी एसिड के सेवन से डायबिटीज का खतरा भी कम होता है। हेल्दी डाइट के लिए पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले फूड जरूरी होते हैं। पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए मछली का तेल, अखरोट, मछली जैसे सैल्मन, मैकेरल या टूना मछली को डाइट में शामिल करना चाहिए।

ट्रांस-फैट के सेवन से बचें

ट्रांस फैट के सेवन से बचना चाहिए। बाजार में मिलने वाले बहुत से जंक फूड और फास्ट फूड ट्रांस फैट वाले होते हैं। हानिकारण हाइड्रोजनीकृत तेलों से बनने वाले ये फूड एलडीएल कोलेस्टॉल लेवल को बढ़ाते हैं।