दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीन ट्रायल में 120 देशों के नागरिक हुए शामिल, 31 हजार लोगों

कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा हैं और यह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा हैं। अब इसका संक्रमण शहरों से गावों में भी बढ़ने लगा हैं। इसकी रोकथाम के लिए सभी वैक्सीन का इन्तजार कर रहे हैं। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई त्रिला चल रहे हैं। इस बीच संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़े कोरोना वैक्सीन ट्रायल हुआ हैं जिसमें 31 हजार लोगों को टिका लगाया गया हैं। इन लोगों में 120 देशों के नागरिक शामिल हुए हैं। खलीज टाइम्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इतने लोगों को वैक्सीन लगाने में कुल छह हफ्ते का समय लगा है। आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का भी ट्रायल बड़े पैमाने पर चल रहा है। ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में करीब 20 हजार लोगों पर और अमेरिका में 30 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात में बड़े पैमाने पर जिस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, उसे चीन की सिनोफार्म कंपनी ने तैयार किया है। यूएई की सरकार और G42 हेल्थकेयर साथ मिलकर इस ट्रायल को पूरा करने का काम कर रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हजारों लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी दी जा चुकी है और अब वैक्सीन के प्रभावों को देखने के लिए डॉक्टरों द्वारा उनकी निगरानी की जा रही है। अबू धाबी के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ट्रायल में काफी संख्या में लोग शामिल हो चुके हैं, इसलिए 30 अगस्त को ही स्वयंसेवकों के लिए नया रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया है।

सिनोफार्म कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में किसी भी तरह का साइड-इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। ग्लोबल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कंपनी के चेयरमैन लिउ जिंगझेन ने बताया था कि उन्होंने खुद इस वैक्सीन के दो डोज लिए हैं और अब तक उन्हें इसका कोई भी साइड-इफेक्ट महसूस नहीं हुआ है। इस वैक्सीन के दिसंबर तक बाजार में आने की उम्मीद जताई जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वैक्सीन की दो खुराक की कीमत 1000 युआन यानी करीब 10,700 रुपये होगी। हालांकि चीन में इसे लेकर बहुत से लोगों ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह वैक्सीन बहुत महंगी साबित होगी, लोग इसे शायद ही खरीद पाएं।