जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, लोगों ने राहत पाने के लिए घरों में एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। एसी की ठंडी हवा तेज़ धूप और लू से राहत तो देती है, लेकिन इसका गलत तरीके से उपयोग छोटे बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। छोटे बच्चों की इम्यूनिटी अभी पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए एसी में ज्यादा देर रहना, बहुत ठंडा तापमान या गलत वेंटिलेशन से उन्हें सर्दी, खांसी, गला बैठना, स्किन ड्रायनेस जैसी परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे में अगर आपके घर में भी नवजात या छोटा बच्चा है, तो एसी चलाते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। आइए जानते हैं कि छोटे बच्चों को एसी में सुलाने से पहले किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि वो गर्मी में राहत भी पाएं और सेहत भी बनी रहे:
कमरे का आदर्श तापमान क्या हो?छोटे बच्चों के लिए एसी का 24 से 26 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह न ज्यादा ठंडा होता है और न ही ज्यादा गर्म, जिससे बच्चे को आरामदायक ठंडक मिलती है और उसे सर्दी-जुकाम होने का खतरा भी नहीं रहता। यदि तापमान इससे कम कर दिया जाए तो बच्चे को ठंड लग सकती है, जिससे उसे खांसी, नाक बहना या हल्का बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
एसी की सीधी हवा से कैसे बचाएं?
एसी रूम में सोते समय यह सुनिश्चित करें कि एसी की हवा सीधे बच्चे के ऊपर न पड़े। सीधी हवा से बच्चे को त्वचा की रूखापन, सांस की दिक्कत या चेस्ट कंजेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए एसी के वेंट को ऊपर की ओर मोड़ें या दीवार की तरफ सेट करें। साथ ही आप चाहें तो कमरे में एक छोटा पंखा चला सकते हैं जो हवा को सर्कुलेट कर सके पर सीधे बच्चे पर न जाए। रात के समय बच्चे के सिर और छाती को हल्के कपड़े से ढकना भी एक अच्छा उपाय है।
बच्चे को हाइड्रेट रखना क्यों जरूरी है?एसी चलने पर कमरे की हवा शुष्क हो जाती है, जिससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए बच्चे को बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पिलाना चाहिए। अगर बच्चा छोटा है और केवल मां का दूध पीता है, तो उसे थोड़े-थोड़े अंतराल पर स्तनपान कराएं। इससे शरीर की नमी बनी रहती है और त्वचा व श्वसन तंत्र स्वस्थ रहते हैं।
सही कपड़ों का चयन करेंबच्चे को एसी में रखने से पहले उसे हल्के और सूती कपड़े पहनाएं जो त्वचा को सांस लेने दें और गर्मी या पसीने को सोख लें। भारी और तंग कपड़े बच्चे को असहज कर सकते हैं और उनकी त्वचा पर चकत्ते या खुजली की समस्या हो सकती है। रात में सोते समय आप हल्की टोपी, मोजे और एक कॉटन की चादर भी ओढ़ा सकते हैं ताकि बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
एसी की सफाई नियमित क्यों है जरूरी?बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि एसी को समय-समय पर साफ किया जाए। एसी के फिल्टर में जमा धूल, फफूंदी और बैक्टीरिया बच्चे की सांस लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं और उसे एलर्जी या सर्दी-जुकाम की समस्या दे सकते हैं। हर 15-20 दिन में एक बार एसी की सर्विसिंग या फिल्टर की सफाई जरूर करें। अगर कमरे की हवा बहुत सूखी लगे तो आप एक बाउल में पानी रख सकते हैं या ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।