बच्चों के लिए कितना जरूरी है प्रोटीन और कैल्शियम, इन आहार से करें भरपाई

किसी भी बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बहुत जरूरी होता हैं और उसके लिए शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति होना बहुत जरूरी होता हैं। खासतौर से किसी भी बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन और कैल्शियम बहुत जरूरी तत्व होते हैं। इनकी भरपाई करने के लिए बच्चों को ज्यादातर दूध का सेवन कराया जाता हैं। अगर इस लॉकडाउन के समय में आपको दूध आसानी से नहीं मिल पा रहा हैं तो आज हम आपके लिए कुछ ऐसे आहार की जानकारी लेकर आए हैं जो इनकी भरपाई आसानी से कर पाएंगे। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

कितना प्रोटीन बच्चों के लिए है जरूरी?

छोटे बच्चों को एक दिन में लगभग उतने ही ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है, जितना उनका वजन होता है। यानी अगर कोई बच्चा 9 किलो का है, तो उसे रोजाना कम से कम 9 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। वहीं अगर किसी बच्चे का वजन ज्यादा है, तो उसे और ज्यादा प्रोटीन चाहिए।

बच्चों के लिए प्रोटीन वाले आहार

ऐसे बहुत सारे आहार हैं, जिनमें प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है। मगर इनमें से कौन सी चीजें बच्चे आसानी से खा सकते हैं, ये समझने की बात है। बच्चे की उम्र के अनुसार आप उन्हें ये चीजें खिला सकते हैं- सोयाबीन, पनीर, टोफू, अंडे, दाल, सफेद चना (काबुली चना), अच्छी तरह पकाया गया मीट और भुने चने, पोहा आदि।

बच्चों के लिए कितना कैल्शियम है जरूरी?

बच्चों के लिए कैल्शियम एक जरूरी तत्व है। खासकर इसलिए क्योंकि हड्डियां कैल्शियम से बनी होती हैं और बढ़ते हुए बच्चों के समुचित विकास के लिए बहुत अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है। आमतौर पर 1 से 3 साल की उम्र तक बच्चों को रोजाना 700 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है, जबकि 4 से 8 साल की उम्र के बच्चों को 1000 मिलीग्राम और 9 से 18 साल की उम्र के बच्चों को एक दिन में 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। इसलिए बच्चों को दूध दे भी रहे हैं, तो साथ में कैल्शियम वाले आहार खिलाएं, ताकि उनकी लंबाई अच्छी बढ़े।

कैल्शियम वाले आहार

कैल्शियम भी ढेर सारे फूड्स में पाया जाता है। पर आप विशेषतौर पर कैल्शियम की बात करें, तो बच्चों को ये फूड्स खिला सकते हैं- बादाम, पपीता, हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, ब्रोकली, टोफू, सूखे अंजीर, संतरा आदि। अगर किसी बच्चे में कैल्शियम की बहुत ज्यादा कमी है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर उसे सप्लीमेंट्स देने चाहिए। हालांकि ज्यादातर बच्चों में इसकी जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि रोजाना के आहार और दूध से ये कमी पूरी हो सकती है।