पाचन शक्ति और दिल का ख्याल रखता है सरसों का तेल, जाने इसके सेवन से होने वाले फायदों के बारे में

हर घर में आसानी से मिलने वाली चीज़ है - सरसों का तेल। सरसों के तेल का उपयोग कढ़ी, दाल, नॉन-वेज डिश में इस्तेमाल किया जाता है। सरसों का तेल तासीर में भले ही गर्म होता है लेकिन इस तेल में बना खाना हर सीजन में सिर्फ लाभ पहुंचाता है। सरसों के तेल के इस्तेमाल से इंसान स्वस्थ और तंदुरस्त रहता है। तो चलिए आज हम आपको सरसों के तेल के फायदों के बारे मे बताते हैं...

पाचन शक्ति

एक चम्मच सरसों का तेल हमें बहुत एनर्जी देता है। यह हमारे खाने को पचाने में मदद करता है। यह शुगर के टुकड़े करने में मदद करता है जिससे शरीर को जरुरी आहार मिलते हैं और सभी आहार का बैलेंस बना रहता है। इसलिए डाइजेशन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सरसों का तेल एक अच्छा ऑप्शन है।

दिल के लिए

जिस तरह सिंथेटिक घी या रिफाइंड्स हमारे शरीर में जाकर नसों में एक्सट्रा फैट के रूप में इकट्ठा होकर आर्ट्रीज़ को ब्लॉक करने की वजह बनते हैं, सरसों तेल इस तरह की किसी समस्या को शरीर में पनपने से रोकता है।

दर्द को दूर करे

सरसों के तेल का सेवन करने से दर्द से आराम मिलता है। शरीर के अंदरुनी हिस्सों में होने वाले दर्द से आराम पाने के लिए सरसों के तेल को डाइट में शामिल करना चाहिए।

दांतो के लिए

सरसों के तेल को मसूड़ों के लिए लाभदायक माना जाता है। सरसों के तेल में नमक डालकर मसूड़ों पर मालिश करने से मसूड़ों का दर्द और दांतों को सफेद बनाया जा सकता है।

सूजन कम

सरसों के तेल में सेलेनियम पाया जाता है जिसके कारण यह एंटी इंफ्लामेट्री होता है। सरसों के तेल से शरीर पर मालिश की जाए तो यह आपके शरीर को दर्द, सूजन से बचाकर रखता है। जिन लोगों को गठिया की बीमारी है उन लोगों को सरसों के तेल से मालिश करने की सलाह दी जाती है।

त्वचा के लिए

यूं तो सरसों का तेल तासीर में गर्म होता है और सभी तरह के फंगस और बैक्टीरिया को मार देता है। लेकिन विटमिन-ई से भरपूर होने के कारण यह तेल हमारी त्वचा को मुलायम बनाए रखने का काम करता है।इससे त्वचा में चमक तो रहती है साथ ही स्किन ड्राई भी नहीं होती है।

जोड़ों के लिए फायदेमंद

सरसों का तेल जोड़ों के लिए काफी फायदेमंद होता है। जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए रोजाना सरसों के तेल से जोड़ों की मालिश करें। नियमित रूप से मालिश करने से जोड़ों का दर्द दूर हो सकता है।

सांस की बीमारी

सरसों का तेल खाने से सांस की बीमारी होने के आसार कम हो जाते हैं। आपके फेफड़ों में हवा का बहाव सही रहता है । जो अस्थमा या फिर सांस की बीमारी से गुज़र रहे हैं, उन लोगों को सरसों के तेल का सेवन करना चाइए।

भूक बढ़ाने में मदद करता है

बहुत से लोगों को भूक नहीं लगने की दिक्कत होती है और भूक न लगने की वजह से स्वास्थय पर भी बेहद असर पड़ता है। जिन लोगों को यह समस्या है उन्हें अपने खाने में सरसों का तेल शामिल करना चाहिए। सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से भूख नहीं लगने की समस्या दूर हो जाती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।