सुखद नींद पाने के लिए सोने से पहले करे शीतकारी प्राणायाम, जाने इसके और फायदे

इन गर्मियों के दिनों में किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे सुखी पल होता है एक अच्छी नींद और उसके लिए जरूरी हैं शरीर की शीतलता। और शारीरिक शीतलता के लिए योग से बेहतर कुछ नहीं हैं। योग में प्राणायाम का भी अपना विशेष महत्व होता हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस प्राणायाम की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं शीतकारी प्राणायाम। तो चलिए जानते हैं शीतकारी प्राणायाम की विधि और फायदे।

* शीतकारी प्राणायाम करने की विधि

किसी भी सुविधाजनक ध्यान करने की मुद्रा में बैठें। आँखें बंद करें और सारे शरीर को रिलेक्स करें। हाथों को चिन या ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रख सकते हैं। दांतों को हल्के से जोड़ें, पर होंठ अलग रखें ताकि अगर कोई सामने खड़ा हो तो उसे आपके दाँत दिखाई दें। जीभ को फ्लैट रख सकते हैं या मोड़ कर मूह के उपरी हिस्से पर टिका कर रख सकता है। दांतों के माध्यम से धीमे से और गहराई से साँस लें। जब साँस अंदर ले लें, तो मुंह को बंद कर लें। जीभ को वैसे ही रखें जैसे शुरू में थी। एक नियंत्रित तरीके से नाक से धीरे-धीरे साँस छोड़ें। यह एक चक्र है। 9 चक्र करें।

* शीतकारी प्राणायाम करने के फायदे

- यह तन और मन को शीतल कर देता है।

- शीतकारी प्राणायाम मस्तिष्क के उन केंद्रों को प्रभावित करता है जो शारीरिक तापमान को केंद्रित करते हैं।

- यह सारे शरीर में प्राण-प्रवाह को आसान बनाता है।

- शीतकारी प्राणायाम सारे शरीर की मांसपेशियों को आराम पहुँचाता है।

- यह प्राणायाम दिमाग़ और संपूर्ण शरीर को शांत करता है, इसलिए अगर इसे सोने से पहले करें तो यह सुखद नींद पाने में मदद करता है।

- शीतकारी प्राणायाम करने से प्यास और भूख पर काबू बढ़ता है।

- इसका नियमित अभ्यास रक्तचाप को कम कर सकता है।

- दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखता है शीतकारी प्राणायाम।