रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है कुर्मासन,जाने और फायदे

वर्तमान समय में जिस तरफ नजर दौड़ाई जाए व्यक्ति को किसी ना किसी रोग ने घेर रखा हैं। और हर व्यक्ति चाहता है कि वह रोगमुक्त रहें। इसके लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना बहुत जरूरी हैं और इसमें योग आपकी बहुत मदद करता हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं कुर्मासन। तो चलिए जानते हैं कुर्मासन की विधि और फायदे के बारे में।

* कुर्मासन करने की विधि

पैरों को सामने फैलाकर जमीन पर बैठ जाएं। पंजों को जितना संभव हो दूर-दूर फैला लें। एड़ियों को जमीन के सम्पर्क में रखते हुए घुटनों को थोड़ा मोड़ लें। कूल्हों से सामने की ओर झुकें और हाथों को घुटनों के नीचे रखें। हथेलियां ऊपर की ओर रखें या नीचे की ओर भी रख सकते हैं। कुछ और आगे झुकें और धीरे-धीरे भुजाओं को पैरों के नीचे से पीछे की ओर ले जाएं। क्षमता अनुसार आप घुटनों को और मोड़ सकते हैं। हाथों को पीछे की और बढ़ाते जाएं। जब तक कि कोहनियां घुटनों के पीछे के भाग के निकट ना आ जाएं। पीठ की पेशियों में तनाव न आने दें। धीरे से एड़ियों को आगे की ओर ले जाएं और पैरों को अधिक से अधिक सीधा करें। हाथों और पैरों पर दबाव पड़ने के कारण शरीर अपने आप आगे की ओर झुकने लगेगा। आराम-आराम से शरीर को आगे की तरफ झुकाएं। तब तक झुकाएं जब आपकी ठोड़ी जमीन को न छू लें। आगे शरीर को करते समय किसी प्रकार का बल प्रयोग न लगाएं। हाथों को पीठ के चारों ओर लपेट लें और कूल्हों के पीछे दोनों हाथों की उंगलियों को फंसा लें। पूरे शरीर को आराम दें, आंखें बंद कर लें और धीरे-धीरे सांस लेते रहें। जितना संभव हो उतना इस अवस्था को बनाये रखें। फिर पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं।

* कुर्मासन करने के फायदे

- यह आसन शुगर, पेट की गैस और कब्ज जैसे रोगों से राहत दिलाता है।

- इससे रीढ़ की हड्डी में रक्त-संचार बढ़ता है, तंत्रिकाएं शांत होती हैं और सिर एवं गर्दन का दर्द दूर होता है।

- यह आसन मासिकता को शांत करता है और धैर्य को बढ़ाता है।

- इस आसन को करने से वासना, डर और गुस्सा कम होता है।

- इस आसन को करते रहने से शरीर और मन को नयी शक्ति प्राप्त होती है।