नया खुलासा : चमगादड़ और सांप ने आपस में मिलकर बनाया कोरोनावायरस, अब तक 17 की मौत

चीन में 22 जनवरी तक कोरोनावायरस से संक्रमित 555 लोग सामने आए हैं। 555 संक्रमित लोगों में से 444 लोग सिर्फ वुहान से हैं। इसके अलावा 26 लोग गुआंगडोंग प्रांत में, 14 लोग बीजिंग में और 9 लोग शंघाई में संक्रमित हैं। ये सभी बुखार, सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया (Pneumonia) से ग्रसित हैं। इस वायरस की वजह से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस वायरस ने थाईलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में भी संक्रमण फैला दिया है।

चमगादड़ और सांप के वायरस ने आपस में मिलकर कोरोना वायरस बनाया

नया खुलासा ये हो रहा है कि यह वायरस सांप के जरिए लोगों में फैला है। अब चीन के एक वैज्ञानिक ने यह दावा किया है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) सांप के जरिए लोगों में फैला है। ऐसा इसलिए नहीं हुआ कि इतने लोगों को सांप ने काटा है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि चीन में सांप खाने की परंपरा है। चीन के वुहान में ऐसे जीव-जंतुओं का बाजार है जहां सांप, चमगादड़, मैरमोट्स, पक्षी, खरगोश आदि बिकते हैं। इन जीवों को चीन के लोग खाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है चमगादड़ से फैलने वाला SARS का वायरस सांप के जरिए लोगों में फैला। वैज्ञानिकों का मानना है कि SARS वायरस सांप में गया तो वह कोरोनावायरस में तब्दील हो गया। सांप के शरीर में बने नए कोरोनावायरस का कोई इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है।

कोरोना वायरस पर अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक वी जी ने यह खुलासा किया है कि चमगादड़ से सांप में आने के बाद वायरस ने अपने जीनोम में बदलाव कर लिया। इससे यह बेहद खतरनाक हो गया है। वी जी ने विभिन्न जीव-जंतुओं से कुल मिलाकर 217 वायरस के सैंपल लिए थे। इनमें से पांच सैंपल कोरोनावायरस के थे। जब सभी जीवों में मिलने वाले वायरस की तुलना इस नए वायरस से की गई तो पता चला कि यह वायरस सांपों में मिल रहे वायरस से मिलता है।

वी जी की बात का समर्थन करते हुए पेंसिलवेनिया स्थित पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हाईताओ गुओ ने बताया कि यह खुलासा बेहद हैरान करने वाला है। चमगादड़ और सांप के वायरस ने आपस में मिलकर कोरोना वायरस बनाया है।

सिएटल स्थित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर राबिनोविट्ज का कहना है कि यह एक ताज्जुब वाली बात है कि दो जीवों के वायरस आपस में मिल गए। अब ये हवा और खाने के जरिए इंसानों में फैल चुके हैं। वायरस का इस तरह से बदलना भविष्य के लिए खतरनाक है।

बता दे, चीन में न्यू ईयर मनाने के लिए इस हफ्ते लाखों लोगों आना-जाना करेंगे। इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने एयरपोर्ट्स, बस अड्डों, ट्रेनों में लोगों की जांच की जा रही है। बीजिंग, शंघाई और चोंगकिंग के साथ ही उत्तर पूर्व, मध्य और दक्षिण चीन से भी कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। जापान, मकाऊ, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाईलैंड और अमेरिका में भी इसके मामले मिले। हॉन्गकॉन्ग और ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि वुहान में 1300 से 1700 लोग संक्रमित हो सकते हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया है कि वे नियमित रूप से हाथ धोएं, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें, ताजी हवा लें और खांसी होने पर मास्क पहनें। खांसी या बुखार होने पर अस्पताल जाएं। स्थानीय सरकार ने महत्वपूर्ण सार्वजनिक गतिविधियों को रद्द कर दिया है। 3-9 फरवरी को होने वाली महिला ओलिंपिक फुटबॉल क्वालिफाइंग मैच को पूर्वी शहर नानजिंग में स्थानांतरित कर दिया गया है।

कोरानावायरस के लक्षण

तेजी से अपने पैर पसार रहा कोरोनावायरस का लक्षण सबसे पहले पीड़ित को सांस लेने में काफी दिक्कत होने लगती है, गले में दर्द रहने लगता है इसके अलावा जुकाम, खांसी, सिर दर्द, नाक बहना, कफ और बुखार होता है। इसके अलावा बुखार निमोनिया का रूप भी ले सकता है और निमोनिया किडनी से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों को बढ़ाने का काम कर सकता है।

कोरानावायरस का इलाज क्या है?

अमेरिका की नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इस वायरस के वैक्सीन पर शोध कर रही है। लेकिन मनुष्यों पर इसे परीक्षण में अभी महीनों लग सकते हैं। लेकिन इसके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर्स इसके इलाज में दूसरी जरूरी मेडिसिन्स का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही साथ इसकी वैक्सीन तैयार करनेपर भी काम चल रहा है।

कोरानावायरस से बचने के तरीके

- पहली और अहम बात है कि जब तक करॉन वायरस का प्रकोप शांत नहीं हो जाता, जितना हो सके सी-फूड से दूर रहें।

- साफ-सफाई करॉन वायरस से बचने का दूसरा और जरूरी तरीका है। कहीं भी बाहर से आने या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें। सिर्फ पानी से नहीं बल्कि साबुन या हैंडवॉश से धोएं।

- अपने साथ हैंड सेनिटाइजर हमेशा रखें। जहां पानी से हाथ धोने की व्यवस्था ना हो, वहां इसका इस्तेमाल करें।

- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करने के बाद हाथ साफ किए बिना उन्हें अपने चेहरे और मुंह पर ना लगाएं।

- बीमार लोगों की देखभाल के दौरान अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। अपनी नाक और मुंह को कवर करके रखें। उनके इस्तेमाल किए हुए बर्तन और कपड़ों का उपयोग करने से बचें।