क्या जरूरी हैं कि बाजार से घर आकर नहाया जाए? जानें कोरोना को लेकर मन में उठे सवालों के जवाब

कोरोना का कहर देश-दुनिया में थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। दुनियाभर में संक्रमितों का आंकड़ा 60 लाख को पा कर चुका हैं। इसका एक कारण लोगों को कोरोना से जुड़ी पूर्ण जानकारी नहीं होना भी हो सकता हैं। इतने समय के बाद भी लोगों के मन में कोरोना संक्रमण को लेकर कई सवाल हैं जिन्हें दूर करना बहुत जरूरी हैं। आज इस कड़ी में हम आपके मन में कोरोना संक्रमण को लेकर उठ रहे कुछ सवालों का जवाब दें जा रहे हैं। तो आइये जानते है इनके बारे में।

क्या धुलाई से मर जाता है वायरस?

साबुन या डिटर्जेंट से कपड़े धोते रहें। अगर किसी सूरत में कपड़े पर वायरस होगा, तो साबुन या सर्फ से धुलाई में मर जाएगा। इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।

कपड़ों पर वायरस कितनी देर ठहर सकता है?

अध्ययन के अनुसार धातु पर तीन दिन और गत्ते पर एक दिन वायरस ठहरने की ओर इशारा करते हैं। कपड़ों पर विशेष अध्ययन नहीं हुआ है। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि गत्ते की सोखने वाली प्रकृति के कारण उस पर वायरस कम देर ठहरता है, कपड़े पर भी यही संभावना है।

क्या परचून, फल-सब्जी या दवा की दुकान से घर आने के बाद कपड़े धोना और नहाना चाहिए?

ज्यादातर लोग, जो सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं, उन्हें इसकी कोई जरूरत नहीं है। हां, घर आकर साबुन से हाथ जरूर धोएं। घर से बाहर किसी संक्रमित के होने की आशंका बनी रहती है। उसकी छींक या खांसी की बूंदें आप तक न पहुंचे, इसके लिए छह फुट की दूरी पर खड़े हों। हालांकि छोटी बूंदें हवा में कुछ देर तक रह सकती हैं, लेकिन एरोडायनेमिक्स के कारण इनके कपड़ों पर ठहरने की संभावना बहुत कम होती है।

क्या दाढ़ी या सिर के बालों पर भी वायरस ठहर पाएगा?

अगर आप सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं, तो शरीर पर कहीं भी वायरस नहीं आ सकता। अगर किसी संक्रमित की छींक या खांसने की ढेरों बूंदें आपके बालों या दाढ़ी पर गिरती हैं, तो वहां वायरस की आशंका बनती है। इसके बाद, अगर आप बालों पर हाथ लगाकर उसे नाक, मुंह या आंख पर लगाते हैं तो ही संक्रमण की स्थिति पैदा होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह वायरस फैलने के बहुत ही कम आशंका होती है।

जूतों को भी डिसइंफेक्टेंट करना जरूरी है?

जूते वायरस का वाहक हो सकते हैं, लेकिन ये संक्रमण के आम स्रोत नहीं हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे जूते पहनकर जाएं जो घर आते ही साबुन से धुल सकें। साथ ही घर में जूते लाने पर रोक लगा सकें तो बेहतर होगा।

क्या सामान के डिलीवरी पैकेज, अखबार पर वायरस को लेकर चिंतित होना चाहिए?

किसी पैकेज पर संक्रमण की आशंका बेहद कम है। अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, जो अखबार पढ़ने या पैकेज खोलने से संक्रमण की तस्दीक करता हो।