आखिर कैसे इंसानी शरीर में आसानी से प्रवेश कर रहा कोरोना, बल्कि जानवरों में नहीं

आज पूरी दुनिया कोरोनावायरस से परेशान हैं और इसका इलाज ढूंढने में लगी हुई है। 52 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके है एवं 3.35 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं। ऐसे में इससे जुड़ी लगातार कई बातें सामने आ रही हैं जिनमे से कुछ अफवाह भी हैं। इसको लेकर कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं। इन्हीं में से एक सवाल हैं कि आखिर यह जानवरों की अपेक्षा इंसानों में क्यों इतना फ़ैल रहा हैं। अब ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने भी अपने शोध में यह दावा किया है कि कोरोना वायरस जानवरों की अपेक्षा इंसानों में आसानी से प्रवेश कर जाता है। ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना वायरस का 'स्पाइक प्रोटीन' इंसानों में पाए जाने वाले रिसेप्टर ACE-2 से मिलकर कोशिका को बहुत तेजी से संक्रमित करता है। पैंगोलिन और चमगादड़ के मुकाबले कोरोना वायरस इंसानी कोशिका में आसानी से और तेजी से प्रवेश कर जाता है।

शोधकर्ता और वायरस विशेषज्ञ निकोलाई पैत्रोव्स्की के मुताबिक, कोरोना वायरस नई प्रजाति को आसानी से संक्रमित नहीं कर पाता। लेकिन यह इंसानी कोशिका को पहले भी संक्रमित कर चुका है, इसलिए इंसानी शरीर में इसका प्रवेश करना आसान होता है।

निकोलाई कहते हैं कि वायरस शायद पहले भी इंसानी कोशिका को संक्रमित कर चुका है। हो सकता है ऐसा किसी जैविक लैब में प्रयोग के दौरान हुआ हो। निकोलाई के मुताबिक, कोरोना आया कहां से, यह पता नहीं चला है। सार्स से लेकर इबोला वायरस के वाहक के बारे में पता है, लेकिन कोरोना का वाहक कौन है, पता नहीं।

निकोलाई का कहना है कि चीन के वुहान में पैंगोलिन और चमगादड़ को इसका सोर्स माना जा रहा है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि लैब में इन दोनों के क्रॉस कंटामिनेशन से नई तरह का वायरस पैदा हुआ है। हालांकि निकोलाई का कहना है कि इसकी उत्पत्ति पर अभी और रिसर्च की जरूरत है।