वर्तमान समय में देखा जा रहा हैं कि दिल से जुड़ी बीमारियों से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा हैं। दिल से जुड़ी इन बीमारियों के पीछे का मुख्य कारण माना जाता हैं शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल जो नसों में ब्लॉकेज की दिक्कत पैदा करता हैं। हांलाकि शरीर में नई कोशिकाओं और हार्मोंस को व्यवस्थित रखने में कोलेस्ट्रॉल बहुत अहम भूमिका निभाता है। यह एक केमिकल कंपाउंड है, जो हमारे लिवर में होता है। लेकिन इसकी बढ़ी हुई मात्रा चिंता का कारण बनती हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के जब भी बात होती है, तो खाने के तेल को इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे तेल की जानकारी लेकर आए हैं जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने की जगह नियंत्रित करने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
अलसी का तेल
इस तेल में 65% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 28% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 225°F है। इस तेल को गर्म न करें। यह बिना गर्मी के खाना पकाने के लिए बहुत अच्छा है। इसे आप सलाद ड्रेसिंग, डिप्स, मैरिनेड और स्मूदी आदि में शामिल कर सकते हैं।
नारियल तेल
नारियल तेल की मदद से आप बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल के साथ वजन को भी आसानी से कम कर सकते हैं। शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में नारियल तेल बहुत मददगार है। इसके साथ ही नारियल का तेल बैड कोलेस्ट्रॉल को कम भी करता है। आप खाना पकाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप सुबह में रोजाना एक चम्म्च नारियल तेल का सेवन कर सकते हैं।
जैतून का तेल
इस तेल में 78% मोनोअनसैचुरेटेड फैट 8% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 320°F-400°F है। जैतून के तेल का इस्तेमाल सब्जियों को भूनने के लिए मध्यम-उच्च आंच पर गर्म करें। वर्जिन ओलिव ऑयल को केवल मध्यम-कम गर्मी पर ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
लेमनग्रास ऑयल
कोलेस्ट्रॉल कम करने में लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल मदद कर सकता है। लेमनग्रास में एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं और खून पतला करने में भी सहायक हैं। आप 1 गिलास पान में 3-4 बूंद लेमनग्रास ऑयल को डालकर पी सकते हैं।
राइस ब्रान ऑयल
इस तेल में 44% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 34% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 450 °F है। यह तेल तलने की उच्च गर्मी का सामना कर सकता है और इसे कम तापमान पर या बिना गर्मी के व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सोयाबीन तेल
इस तेल में 25% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 60% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 450°F है। यह तेल डीप फ्राई के लिए उच्च गर्मी का सामना कर सकता है। इसके आलावा इसे सलाद ड्रेसिंग सहित किसी भी तापमान पर खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरसों का तेल
इसका इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है। इस तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्टी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, इसके अलावा इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा-3 फैट्टी एसिड और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करते हैं। डॉक्टरों को कहना है कि सरसों के तेल की जो कंपोजिशन है वह कार्डियोलॉजी की नजर से बहुत ही अच्छी है। यही वजह है कि सारे डॉक्टर्स दिल की बीमारियों, उच्च रक्ताचाप और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सरसों के तेल से भोजन पकाने की सलाह देते हैं।
तिल का तेल
इस तेल में 41% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 44% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 350°F-450°F होता है। तिल का तेल हीट-फ्राइंग और डीप फ्राइंग जैसे उच्च-गर्मी वाले व्यंजनों को संभाल सकता है।