69% मरीजों में नदारद है कोरोना के लक्षण, 10 दिन बुखार नहीं आने पर कर दिए जाएंगे डिस्चार्ज

देश-दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा हैं जहाँ दुइनिभर में संक्रमितों का आंकड़ा 51 लाख को पार कर चुका हैं, वहीँ भारत में भी संक्रमितों की संख्या 1.19 लाख से ऊपर जा चुकी हैं। देश में अभी 66 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं और करीब 49 हजार लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका हैं। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी लगातार अपनी पॉलिसी से जुड़ी जानकारी दी जा रही हैं। हाल ही में, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी गई कि जिन मरीजों में कोरोना वायरस के कोई भी लक्षण 10 दिनों तक नहीं दिखाई देते हैं तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

ऐसे मरीजों में अगर इतने लंबे समय तक कोई भी गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं तो वह संक्रमण को नहीं फैला सकते हैं। । मरीजों के बारे में अग्रवाल ने विशेष जानकारी देते हुए यह बताया कि अभी तक 69% मरीज ऐसे हैं जो बिना लक्षण वाले हैं। हालांकि, इनमें वह लोग भी शामिल हो सकते हैं जो सामान्य लक्षण दिखने पर ही कोविड-19 केयर में भर्ती हो गए, लेकिन उनमें कोरोना वायरस का लक्षण नहीं था।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस के जिन मरीजों में सामान्य एवं हल्के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं और उन्हें सही समय पर एडमिट किया गया है तो उनकी नियमित रूप से जांच की जाएगी। इसमें उनके शरीर का तापमान और पल्स रेट का ट्रैक रखा जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रक्रिया में यदि उनमें कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते हैं जिसकी वजह से वह कोरोना वायरस को फैला सकते हैं, तब उस स्थिति में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

हालांकि, ऐसे लोगों को 7 दिन के लिए होम आइसोलेशन में रहने की भी सलाह दी जाएगी। इनमें वे लोग शामिल हैं जिनमें सामान्य लक्षण दिखे थे और कुछ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित भी नहीं थे। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय की संशोधित डिस्चार्ज नीति के आधार पर इन्हें 10 दिन की विशेष निगरानी के बाद लक्षण ना मिलने की स्थिति में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। फिलहाल कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचे रहने के लिए सभी जरूरी सेफ्टी टिप्स का पालन करें और कोई भी सामान्य लक्षण दिखने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य विभाग केंद्र से संपर्क करें।