बिमारियों का मुख्य कारण बनता है डिप्रेशन, इसे दूर करने के लिए करें ये 6 योगासन

आज की वर्तमान जीवनशैली ने व्यक्ति को थका कर रख दिया है जिसकी वजह से वह तनाव से ग्रसित रहने लगा हैं। व्यक्ति का यह तनाव उसे अन्दर ही अन्दर खाता रहता हैं और बिमारियों का घर बना देता हैं। ऐसे में स्वस्थ जीवन जीने के लिए जरूरी हो जाता है कि किसी भी तरह डिप्रेशन से छुटकारा पाया जाए। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आए है जिनकी मदद से आप डिप्रेशन को दूर कर स्वस्थ जीवन की कल्पना कर सकते हैं। तो आइये जानते है इन योगासन के बारे में।

* अंजलि मुद्रा

दोनों हाथों को जोड़ कर दिल के चक्र के बीचों बीच रखें यह मुद्रा दिल के दोनों कोनों के बीच का संतुलन दिखाती है। इसे जमीन पर बैठ कर, पलथी मार कर, आंखें बंद कर के किया जाता है।

* सुखासन

कमर की हड्डी को सीधा कर के बैठें और 60 सेकेंड के लिए सांस खींचें और छोड़ें। इसी पर अपना ध्यान केंद्रित करें। ऐसा करने से मन और दिमाग को शांति मिलती है। शरीर से सारी घबराहट दूर होती है।

* ध्यान

गुस्से पर नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी योग है ध्यान। इसके लिए आरामदेह आसन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर गहरी सांस लें। महसूस करें कि सांस आपकी नाक के नथुनों से होकर आपके फेफड़ों तक जा रही है। तकरीबन 9 – 10 बार यही प्रक्रिया दुहराएं। नियमित रूप से इस आसन को करने से गुस्से को शांत करने में मदद मिलती है।

* उत्तनासन

इस आसन के जरिए हम अपने मन-मस्तिष्क को एकाग्रता की ओर ले जाते हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इस आसन को 2-2 मिनट के अंतराल पर करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। आसन में आपको सीधे खड़े रहकर अपने पैरों की ओर झुकना है और दोनों हथेलियां पंजों के करीब रखनी हैं। याद रहे पीठ को उतना ही लचीला रखें जितने में आप हाथ को पंजों के करीब ले जा सकें।

* जनुसिर्सान

इस आसन को करने से मस्तिष्क में सकारात्मकता का सृजन होता है। निरंतर अभ्यास के बाद आप खुद को तरो-ताज़ा और ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं। आसन को बैठकर हाथ आगे की ओर ले जाएं और पैरों को सीधा रखें।

* सालांब शीर्षासन

सिर के बल खड़े हो जाइए औऱ शरीर को पूरा भार गर्दन या सिर पर डालने के बजाए कंधों और हाथों पर डालिए। शरीर में खून का बहाव उलट जाता है। यह तनाव को दूर करने और अपनी सांसों पर ध्यान लगाने में मदद करता है।