उन्माद रोग को दूर करने के 5 घरेलु उपाय

सिर पर किसी वजह से चोट लगने से या घाव होने के कारण व्यक्ति की मन की स्वाभाविक स्थिति बिगड़ जाती है और यही अवस्था उन्माद या पागलपन की बीमारी कही जाती है। इस रोग में व्यक्ति पर किसी भी काम के प्रति या तो बहुत ज्यादा खुश होती है या फिर वह बहुत ही रोने लग जाता है। इस रोग में व्यक्ति को सिर में दर्द, बुद्धि खराब होना, गलत सुनना, बिना इच्छा के अपने हाथ पाव को हिलाना, कुछ न बोल पाना, याददाश्त कमजोर होना, अधिक गुस्सा आना, आदि होने लग जाते है।

यह रोग ज्यादा खाना- पीना, नशीले पदार्थो का सेवन करना तथा अस्वस्थ रहने से की वजह से हो जाता है। इस रोग की नजर अंदाजी आपको आपकी जिन्दगी से हाथ धोने पर मजबूर कर सकती है। तो आइये जानते है इसके कुछ ऐसे उपचारों के बारे में जिन्हें जानना आपके लिए बहुत ही आवशयक है.....

# सर्पगंधा तथा जटामांसी का चूर्ण 3-3 ग्राम, शक्कर 2 ग्राम,मिलाकर दिन में 3 बार नियमित सेवन करे इससे उन्माद रोग से राहत मिलेगी।

# ब्राह्मी का रस 5 मिलीलीटर, डेढ़ ग्राम कुठ चूर्ण, एवं मधु 5 ग्राम इन तीनो को एक साथ मिलाकर रोगी को सुबह शाम देने से पुराना उन्माद रोग भी ठीक हो जाता है।

# शंखपुष्पी के रस में मधु मिलाकर रोगी को इसका सेवन कराए, इससे उन्माद रोग को ठीक किया जा सकता है।

# ब्राह्मी 3 ग्राम, शंखपुष्पी 3 ग्राम, बादाम गिरी 5 ग्राम, छोटी इलायची 5 ग्राम, इन सभी को पानी के साथ पिस ले और फिर छान ले बाद में मिश्री मिलाकर रोगी को पिलाये। यह उन्माद रोग का अत्यंत लाभकारी नुस्खा है।

# यह समस्या होने पर हिंग को भी सुंघाया जा सकता है। इसके लिए हिंग की एक छोटी टुकड़ी ले और उसे रोगी के पास ले जाकर सुंघाए जिससे वह अपने होश हवाश में आ सके और पागलपन की अवस्था से बाहर निकल सके।