खून किसी भी व्यक्ति के शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो शरीर के हर हिस्से में जरूरी पोषक तत्वों को पहुंचाने का काम करता हैं। खून का स्वास्थ्य, आपके शरीर के हर अंग के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। लोगों में मिथक देखने को मिला हैं कि उनका खून अधिक गाढ़ा है तो वे खुद को अधिक स्वस्थ मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं हैं। रक्त से गाढ़ा होने से आपके शरीर में खून के थक्के हो सकते हैं एवं यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता हैं। ऐसे में कई लोग दवाओं की मदद लेते हैं ताकि रक्त को पतला कर सकें। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका दैनिक सेवन करने के बाद आपको खून पतला करने के लिए दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ेगी। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...
चुकंदर
चुकंदर नाइट्रेट से भरपूर होते हैं। ये एक यौगिक जो आपका शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। नाइट्रिक ऑक्साइड ब्लड वेसेल्स को चौड़ा करने और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही चुकंदर का जूस सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करता है और साथ ही शरीर खून में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाता है। इस तरह ये खून को हेल्दी रखने में मददगार है।
विटामिन E
विटामिन ई रक्त में थक्के बनने की गतिविधियों को कम करता है। ये प्रभाव एक व्यक्ति द्वारा लिए जाने वाले विटामिन ई की मात्रा पर भी निर्भर करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के ऑफिस ऑफ डाइटरी सप्लीमेंट्स का सुझाव है कि जो लोग रक्त को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं, उन्हें विटामिन ई ज्यादा खुराक लेने से बचना चाहिए।
दालचीनी
दालचीनी में कौमारिन नाम का एक यौगिक होता है, जिसमें रक्त को पतला करने वाले गुण होते हैं। इसके सेवन से पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है। अधिक मात्रा में कौमारिन का इस्तेमाल लिवर पर प्रभाव डाल सकता है और उसे क्षति पहुंचा सकता है।
अनार
अनार को हमेशा से ही हेल्दी ब्लड से जोड़ा गया है। अनार के बीज नाइट्रेट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं। ये यौगिक धमनियों को चौड़ा और खुला रखते हैं जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती। साथ ही इससे मस्तिष्क, हृदय, मांसपेशियों और शरीर के अलग-अलग अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और आप स्वस्थ रहते हैं।
हल्दी
लोग लंबे समय से औषधीय रूप में हल्दी का उपायोग कर रहे हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में सूजन-रोधी और रक्त-पतला या थक्कारोधी गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में खून का थक्का बनने से रोकने का काम करते हैं। ईपीएमए जर्नल में 2019 की समीक्षा से संकेत मिलता है कि हल्दी रक्त के थक्के को रोकने में मदद कर सकती है। इसलिए हल्दी को रक्त पतला करने वाली दवाओं के साथ लेने की सलाह नहीं दी जाती है। आप हल्दी का सेवन करी, सूप, और गर्म पानी के साथ मिलाकर कर सकते हैं।
लहसुन
लहसुन को एंटीथ्रॉम्बोटिक गतिविधि के लिए पहचाना गया है, यानी एंटीथ्रॉम्बोटिक एजेंट रक्त के थक्के के गठन को कम करने में मदद कर सकता है। लहसुन शरीर में मुक्त कणों को मारने में मदद करता है और इस तरह कोशिका को होने वाले नुकसान को रोकता है। यह शरीर में प्लेटलेट काउंट को बेहतर बनाने में मदद करता है और रक्तचाप को कम करता है।
अदरक
अदरक एक एंटी- इंफ्लेमेंटरी मसाला है जो रक्त में थक्के को बनने से रोकता है। इसमें सैलिसिलेट नामक एक प्राकृतिक एसिड होता है। एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड नाम से जाना जाने वाला एस्पीरिन सैलिसिलेट सिंथेटिक गुण वाला एक शक्तिशाली रक्त थिनर होता है। प्राकृतिक सैलिसिलेट्स के थक्कारोधी प्रभाव प्राप्त करने के लिए, लोग बेकिंग, खाना पकाने और जूस में नियमित रूप से ताजा या सूखे अदरक का उपयोग कर सकते हैं।
प्याज
प्याज को कच्चा या पकाकर खाने से रक्त के थक्कों में कमी आती है। डॉक्टरों के अनुसार जिसे रक्त में थक्के जमने की परेशानी होती है तो उन्हें नियमित तौर पर अपने भोजन में प्याज का उपयोग करना चाहिए। प्याज का उपयोग वसायुक्त भोजन के साथ करने से खून में थक्के को जमने से रोकने का गुण होता है।
लाल मिर्च खाएं
लाल मिर्च गुणों से भरपूर होती है जो हमारे रक्त को पतला करने में मदद करती है। लाल मिर्च में सैलिसिलेट्स अधिक मात्रा में पाया जाता है। जिसकी वजह से यह एक शक्तिशाली ब्लड थिनर के रूप में काम करता है। आहार में लाल मिर्च को शामिल करने से आपका रक्तचाप कम हो सकता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
क्रैनबेरी जूस
क्रैनबेरी जूस ब्लड वेसेल्स को चौड़ा करके और रक्त प्रवाह को बढ़ाकर ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही क्रैनबेरी में ब्लड प्रेशर को कम करने वाले विटामिन सी हैं जो कि शरीर को संक्रमण से भी बचाते हैं। इसके अलावा क्रैनबेरी जूस हानिकारक बैक्टीरिया को ब्लड सेल्स से जुड़ने से रोकते हैं और खून को हेल्दी रखने के साथ शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।