थिएटर के ये कलाकार अपने अभिनय से करते है बॉलीवुड पर राज़

फिल्मों में अभिनय से पहले अभिनय और अदायगी की बारीकी जानने के लिए कई आर्टिस्ट थिएटर करते हैं। बॉलीवुड में कई सितारे ऐसे भी हैं जिनको केवल अपने नाम और पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते लगातार काम मिलता रहता है परन्तु दर्शक वर्ग के जेहन में वो जगह नहीं बना पाते। कारण होता है लचर अभिनय।

वहीँ बॉलीवुड में कई कलाकार ऐसे भी हैं जो अलग अलग थिएटरो से आये और मेहनत और अभिनय क्षमता के बदौलत बॉलीवुड में अच्छा मक़ाम बनाने में सफल हुए। आइये जानते है ऐसे ही कुछ कलाकारों के बारे में :

अनुपम खेर

अनुपम खेर को एक्टिंग की चलती फिरती स्कूल भी कहा जा सकता है। अपने दमदार अभिनय और कई अलग अलग रूप के किरदार निभा कर अनुपम ने बेहतरीन कार्य किया है। नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से पासआउट अनुपम ने 1984 में आयी फिल्म `सारांश` में मात्र 28 साल की उम्र में 65 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था और बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी हासिल किया।

नसरुद्दीन शाह

नसीर साहब भी नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से पासआउट हैं। अपने दमदार डायलॉग डिलीवरी और अभिनय के लिए जाने जाते हैं। मुख्यधारा के बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत इन्होंने 1980 में आयी फिल्म `हम पांच ` से की। नसरुद्दीन शाह को पद्मश्री सहित कई जाने माने अवार्ड भी मिल चुके हैं।

ओम पुरी

ओम पुरी भले ही इस साल के प्रारम्भ में ये दुनिया छोड़ कर चले गए लेकिन उनका अभिनय और रोबीला अंदाज़ हमेशा हमारे ज़ेहन में बना रहेगा। ओम पुरी नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में नसरूददीन शाह के साथी रहे थे। आक्रोश , आरोहण , चाची 420 आदि कई फिल्मों में इन्होंने यादगार अभिनय किया था।

शबाना आज़मी

शबाना आज़मी भले ही मुख्यधारा की अभिनेत्रियों में वो मक़ाम हासिल नहीं कर पायी लेकिन उनके अभिनय की प्रंशसा हमेशा होती रही। नसरूददीन शाह , ओम पुरी और शाबान आज़मी तीनों एक साथ नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में एक साथ थे। शबाना आज़मी को 1975 में अपनी फिल्म `अंकुर ` के लिए बेस्ट फीमेल एक्टर का अवार्ड दिया गया था।

मनोज बाजपेयी

बिहार के छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले मनोज ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया। अपनी शुरुआती फिल्मों में तो इन्होंने केवल एक दो मिनट का रोल मिला था। बाद में कई फिल्मों में इन्होंने दमदार अभिनय किया और अपना एक अलग मुकाम बनाया।

इरफ़ान खान

इरफ़ान खान भी जयपुर के छोटे से परिवार से ताल्लुक रखते हैं। नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से पासआउट इरफ़ान ने शुरूआती दौर में टीवी सीरियल्स में काम किया था। श्याम बेनेगल के भारत एक खोज में इन्होंने काम किया जिसके बाद इन्हें फिल्मों में थोड़े बहुत रोल मिलने लगे। इरफ़ान पद्म श्री से भी नवाज़े जा चुके है।

नवाज़ुद्दीन सिद्दकी

उत्तरप्रदेश छोटे से गांव से सम्बन्ध रखने वाले नवाज़ ने एनएसडी से गग्रेजुएशन करने के बाद 2004 में मुंम्बई आ गए। अपनी हालिया रिलीज़ कई फिल्मों में नवाज़ ने दमदार अभिनय किया है और कई अवार्ड भी जीते हैं।

राधिका आप्टे

2005 में आयी फिल्म ` वाह लाइफ हो तो ऐसी ` में छोटे से रोल से राधिका ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। राधिका सक्रिय रूप से थिएटर करती रहती हैं और एक मराठी थिएटर ग्रुप से जुडी भी हुयी है।