'पद्मावती' विवाद : देश की स्थिति 'खतरनाक' है : शबाना आजमी

शबाना आजमी का मानना है कि भारत संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' के विरोध को लेकर अति राष्ट्रवाद का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की स्थिति 'खतरनाक' है।

शबाना ने टाइम्स दिल्ली लिटफेस्ट में 'राष्ट्रवाद' पर चर्चा के दौरान कहा, "हम जो अभी देख रहे हैं, वह अति राष्ट्रवाद है। यह कुछ ऐसा है जो खतरनाक है। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। कला का मतलब सुंदरता दिखाना या लोरी सुनाना नहीं है। यह हमारी आवाज बुलंद करने के लिए भी है। यह विरोध जताने योग्य बनने के लिए भी है, यह उकसाने के लिए भी है। कला का मतलब सिर्फ मनोरंजन करना नहीं, संतुष्ट करने के लिए नहीं बल्कि उकसाने के लिए भी है। समाज में जो हो रहा है, आप उस पर आलोचनात्मक हो सकते हो। इसका मतलब यह नहीं है कि आप देशभक्त नहीं हो। अगर आप कहते हो कि लड़कियों को जिंदा दफना दिया जाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप देशभक्त नहीं हो बल्कि इसका मतलब यह है कि आप यह कहना चाहते हो कि यह गलत है और इसे नहीं होना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "आलोचना सही है, विरोध सही है, आप पूरी तरह असहमत हो, यह कहना सही है लेकिन यह सही नहीं है कि आप जान से मारने की धमकी दो(दीपिका के संदर्भ में)। एक अभिनेत्री के तौर पर, एक सहकर्मी के तौर पर, फिल्म उद्योग के सदस्य के तौर पर, मुझे लगता है आज जितना बुरा दौर है उतना पहले कभी नहीं था।"

शबाना ने फिल्म उद्योग को इस खराब विवाद और 'पद्मावती' फिल्म के रिलीज के विरोध पर एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि कला की आलोचना करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन दीपिका को जान से मारने की धमकी सही नहीं है।

अभिनेत्री ने कहा कि राष्ट्रवाद और देशभक्ति के बीच एक बेहद पतली रेखा होती है हालांकि यह दोनों किसी एक बिंदू पर गड्डमड्ड हो जाते हैं।